
🙇♀️🙏🏻🌝🙏🏻 तुझसे है गुहार मेरी, मैं तुझसे अपना अंतर कमल खिलाने आई हूं। देख एक नजर मेरी ओर प्रभु, मैं अपना अंतर कमल खिलाने आयी हूं ।
अब देर न कर प्रभु अब खिला दे मेरा अंतर कमल इसकी हर एक डंडी इसकी हर एक पुंखुड़ी कमल 🪷के हर एक पंखुड़ी 🪷ले जाती है अलग-अलग डायमेंशन में। यह हर एक डायमेंशन हर एक पंक्तियां हर एक डंडी तुझको है समर्पित।
हे मेरे” प्रभु” कमल 🪷खिला दे तू मेरे अंतर कमल खिला दे।
यह कमल भी मेरा कहां रहा , यह कमल भी तुझको समर्पित हैं ।
मेरे प्रभु मैं चाहती हूं मेरा अंतर कमल खिले।
🪷 खिलने भी है सिर्फ तेरे लिए इस कमल के आगे बहुत कुछ है वह सब कुछ है तुझे समर्पण प्रभु🙏🏻🙇♀️ मेरी नीचे की सारी ऊर्जा को कर दो ऊपर की क्रॉउन चक्रा पर फ्लो।
यह सारी ऊर्जा है तुझ को समर्पित है मेरे प्रभु यह सारे ऊर्जा जागृत हो जाए, यह जागृति भी है तेरे लिए यह सारे ऊर्जा कहां है? मेरी यह सारी ऊर्जा पर है हक अब तेरा ,प्रभु तू चाहे तो नीचे की ओर धकेल दे या तू चाहे तो नीचे से सारे उर्जा ऊपर ,सीर की चोटी की ओर कर दे ,मेरे प्रभु हर उर्जा पर बस हक है तेरा बस तेरा तेरा तेरा है मेरे महाप्रभु🙏🏻🙇♀️
जब मूलबंध लगाना भूल जाऊं तो आप हमें याद दिलाते हो प्रभु इस याद को भी याद है कि सब कुछ है तेरा प्रभु अपनी बच्ची को और ना तरसाओ। तू नाथों के नाथ हो तू तो है मेरा डमरू वाला, तू है मेरा भोला भंडारी, तू ही है मेरा भांग का प्याला, मैं हूं तेरी नशा प्रभु🌝
बोलो जयकारा मेरे घट घट वासी की जय