ऐसे बहुत से महानता वाले सद्गुण हैं, जो व्यक्ती को बड़ा या महान बनातें हैं। ऐसे बहुत से सद्गुण है, जिससे व्यक्ती श्रेष्ठ दर्जें का, आदर्श व्यक्तित्व का बनता है।
जैसे समझदारी, ईमानदारी, नेकी वाला सद्गुण।
जैसे दयालुता, उदारता, और सहानुभूति वाला व्यवहार।
जैसे सकारात्मकता, सकारात्मक सोच विचार।
जैसे सबको साथ में लेकर चलने वाला सद्गुण।
जैसे दुसरो में दोषों को छोड़ गुणों को देखनेवाला सद्गुण।
जैसे सहजता, सरलता, सादगीभरा स्वभाव।
जैसे भेदभाव रहित, अहंकार रहित व्यवहार।
जैसे दुसरो के समस्याओं को सुनना और खुद कम बोलने वाला सद्गुण।
जैसे दुसरो की मदद के सदैव तत्पर रहने वाला सदगुण।
जैसे निस्वार्थ भाव, निस्वार्थ प्रेम, निर्लोभी वृत्ति। सच्ची सहानुभूति वाला सद्गुण।
जैसे शिलवान, संयमित व स्वयं अनुशासित जीवन शैली का होना।
शांत स्वभाव, कर्तव्य निष्ठता, जिम्मेदारी को निभाना।
जैसे अगर अपनी ग़लती हो, तो उसे स्वीकार करने का गुण।
जैसे क्षमा करने का गुण।
त्याग, वैराग्य, संवेदनशीलता, निस्वार्थ प्रेम वाला स्वभाव मनुष्य को महान एवं बड़ा बनाता है।
जैसे नम्र स्वभाव, स्त्रीयों के प्रति सम्मान का भाव, मानवता वाला सद्गुण मनुष्य को महान, श्रेष्ठ एवं बड़ा बनाता है।
विनम्रता मनुष्य को बड़ा बनातीं है।
समय का महत्व समझकर उसका सदुपयोग करने वाला व्यक्ति बड़ा या महान होता है।
मनुष्य में शालीनता हो, उसके व्यवहार में प्रेम हो, उसमें उदारता हो।
मनुष्य में विनम्रता हो, उसका करुनामय स्वभाव हो।
मनुष्य की जबान मिठी हो, उसकी सोच सकारात्मक हो।
मनुष्य की परोपकारी वृत्ति हो।
निराभिमानी व्यक्तित्व आदर्श व्यक्तित्व होता है।
मनुष्य केवल पैसा कमाने से या उसके शरीर के बड़ा होने से बड़ा नहीं होता, ऐसे बहुत-से सद्गुणों से मिलकर व्यक्ति महान बनता है, बड़ा बनता है।
धन्यवाद!