🏵️🏵️🏵️🏵️🏵️🏵️🏵️🏵️
करोड़ों लोग ईश्वर से प्यार करते हैं।पर बहुत खुशनसीब होते है वो जिनसे ईश्वर खुद प्यार करते है
🏵️🏵️🏵️🏵️🏵️🏵️🏵️🏵️
3 से 5 के मध्य खुलती है नींद तो यह दिव्य शक्ति का कोई संकेत है जाने ?
कोई दिव्य शक्ति आपको संदेश देना चाहते हैं आपको कुछ समझाना चाहते हैं सबसे पहले हम यह जाने जिस समय नींद खुल रही है वह अमृतवेला है। अमृतवेला जो कि परमात्मा की दिव्य शक्तियां बहुत ही तेजी से प्रवाह कर रही होती है।
🌅🌅🌅🌅🌅🌅🌅🌅
ब्रह्म मुहूर्त या अमृत वेला क्या है । :-
ब्रह्म मुहूर्त रात का अंतिम प्रहर का तीसरा भाग होता है। धर्म शास्त्रों में नींद के त्याग का यही श्रेष्ठ समय बताया गया है। ब्रह्म का आशय हुआ परम तत्व , मुहूर्त का आशय हुआ अनुकूल समय। ब्रह्म मुहूर्त को अमृत वेला भी कहते है। अमृत को आशय होता है, जो जीव को अमरता प्रदान करे, वेला का मतलब होता है समय । अमृत वेला का अर्थ हुआ चिरंजीवी बनाने या अमरता प्रदान करने वाला समय। इस समय में कुछ देर भी किया गया योगाभ्यास आत्मा को उस आत्मिक आनंद की अनुभूति करा देता है, जो आनंद की अनुभूति अमृत पीने वाले को होती है। अमृतवेला अर्थात वह वेला, जब स्वयं भगवान अपने भक्तो को अमृत पिलाने आतें है, और उस अमृत को जो नहीं पी पाता, उसे परमानंद की प्राप्ति नहीं होती है।
💚💚💚💚💚💚💚💚
🕒3:00 बजे अमृतवेला उठने से क्या होता है?


✴️✴️✴️✴️✴️✴️✴️✴️
यदि आपकी नींद 3 बजे के करीब अचानक रोज खुलती है तो इसका मतलब यह है कि सृष्टि व दिव्यशक्ति चाहती हैं कि आप उठे और अपने “इष्टदेव” की अराधना करें, आप परमात्मा का जाप करें क्योंकि बहुत सारी शक्तियां आपका इंतजार कर रही है जो कि आपको मिलनी है।
ब्रह्म मुहूर्त में उठने के फायदे:-
🗯️🗯️🗯️🗯️🗯️🗯️🗯️🗯️
🟡मन शांत रहता है।
🟡आप उर्जावान रहते है।
🟡आप सकारात्मक रहेंगे।
🟡आप स्वस्थ्य रहेंगे।
🟡आपकी बुद्धि तेज होगी।
🟡आप के पास ज्यादा समय होगा ।
🤍🤍ब्रह्म मुहूर्त 🤍🤍
वैसे तो सूर्य हमेशा आपके सिर के ऊपर ही होता है, सूर्य ठीक आपके सिर पर है तो इसका मतलब है उस समय वह आपके सिर पर लंबवत है। उस समय यह एक विशेष तरीके से काम करता है। यह समय होता है 3:20 से लेकर अगले 12 से 20 मिनट तक।
⬜⬜⬜⬜⬜⬜⬜⬜
अब सवाल आता है कि इस समय में हम क्या करें?इस समय में हम ध्यान करें या क्रिया करें?
3:20पर होता है….
🏐🏐🏐🏐🏐🏐🏐🏐
कई समस्याएँ जिनका इंसान सामना कर रहे हैं, वे सिर्फ इसलिए हैं कि हमने वो जागरूकता खो दी है कि कई शक्तियों के साथ सांजस्य,में कैसे रहा जाए?
अगर हम जीवन के सांजस्य, में आ जाएं, तो हम भी सुबह तीन बजे के आस पास नींद से जाग जाएंगे।
उस समय अगर हम बैठकर वे अभ्यास करें, जिनकी हमको दीक्षा दी गई है,
तो उससे सबसे ज्यादा फायदा होगा।
सुबह 3:20 पर होता है कुछ अद्भुत।
जिस तरह से धरती घूम रही हैं, और जो भी हो रहा है, उस वजह से एक बहुत बुनियादी बदलाव आता है – सुबह 3:20 से सुबह 3:40 के बीच ।
इसे ब्रह्म मुहूर्तं कहते हैं। ऐसा बस 33 डिग्री लेटीट्यूड तक ही होता है। हमारा तंत्र..
मनुष्य का पद्धति एक विशेष तरीके से व्यव्हार करता है। ये एक संभावना है। तो एक जागरूकता रही है, इस संभावना का इस्तेमाल करने की। हमारा जीवन उन कई चीज़ों का परिणाम है, जिन्हें हम ब्रह्माण्ड कहते हैं,
या जिन्हें हम अस्तित्व कहते हैं। तो हम इस ज़बरदस्त घटना का परिणाम हैं, जिसे हम सृष्टि कहते हैं। हम अपने आप में एक अलग जीवन नहीं हैं।
तो जब आप समन्वय, में होंगे, तो कुछ चीजें होंगी। हमने सुना है झींगुर की एक ऐसी प्रजाती है, जो सत्रह सालों में सिर्फ एक बार जागते।
क्या हमने इससे बड़ा (कोई) आश्चर्य देखा है? वे समझ जाते हैं कि सत्रह साल,हो गए और वे जाग जाते हैं। फिर वे बच्चे पैदा करते हैं, और सो जाते हैं।
वे समझ जाते हैं कि सत्रह साल हो गये, वो भी बिना किसी अलार्म बेल के। तो ये कैसे होता है? वे प्रकृति के साथ समन्वय, में हैं। हमने प्रकृति के साथ समन्वय,खो दिया है और हमें लगता है यही हमारी प्रकृति है। नहीं, कई सारी बीमारियाँ और समस्याएं जिनका मनुष्य अनुभव कर रहे हैं,वे बस इसीलिए हैं, क्योंकि हमने वो जागरूकता खो दी है कि उन कई सारी शक्तियों के साथ समन्वय, में कैसे रहा जाए, जो हमें वो बनाती हैं, जो हम हैं।
तो योग वो समन्वय, लाने के लिए है, ताकि हम जीवन के साथ लय में हों। अगर हम जीवन के साथ लय में हों, तो हम भी सुबह 3 बजे जागेंगे।अगर हम जागरूक हैं, तो अचानक हमारे अंदर जीवंतता की एक किरण जगेगी और अगर हम गहरी नींद में हों, तो भी जाग जाएंगे। हमारे साथ ये होना चाहिए,
इसका मतलब है हम उसके साथ समन्वय,में हैं ।
आप जीवन के समन्वय, में हैं। “तो हमें क्या करना चाहिए? क्या हमें ध्यान करना चाहिए या अजपा जाप?”
💫💫💫💫💫💫💫💫
इससे फर्क नहीं पड़ता है कि हम क्या करते हैं।
हमें कोई अभ्यास बस सिखाया ही नहीं गया है, हमारे प्रणाली को उससे परिचित कराया गया है । प्रणाली में उसे उतार दिया गया है।वो अभ्यास करें, तो इससे सबसे ज्यादा फायदा होता है, क्योंकि तब धरती मां के बर्ताव का आपके व्यवस्था पर वैसा ही असर होता है।अगर आप एक विशेष तरह से जागरूक हो जाएं, आपके अंदर एक ख़ास स्तर की जागरूकता आ जाए, तो आप बस जान जाएंगे,कि वो समय कब है। अगर आप सही समय पर सोने जायेंगे, तो आपको घड़ी देखने की जरुरत नहीं होगी। आप हमेशा जान जायेंगे कि 3 बजे हैं,क्योंकि फिर शरीर एक अलग तरह से बर्ताव करता है । उस समय अगर आप बैठकर अजपा जाप करें, जिसकी आपको दीक्षा मिली है -वो नहीं जो आपने किताबों से पढ़ी है – तो सबसे ज्यादा फायदा होगा। उस समय बीज को अंकुरित होने के लिए जरुरी मदद मिल जायेगी,
या वो अन्य समय के मुकाबले (ज्यादा) तेज़ी से विकसित होगा ।
संध्या मतलब सूरज के उगने से बीस मिनट पहले से बीस मिनट सूरज के डूबने से बीस मिनट पहले से बीस मिनट बाद तक।बाद तक, या
दोपहर और आधी रात के लिए भी यही सच है, लेकिन उनकी प्रकृति अलग है। तो ये दो संध्याएँ उनके लिए बेहतर हैं, जिन्होंने नाम दान नहीं लिया हैं।
🌟🌟🌟🌟🌟🌟🌟🌟
सेल्फ अवेकनिंग मिशन 🙏🏻 धन्यवाद☘️
शालिनी साही



Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *