❤️💙एफ्रीमेशन क्या है? इसका क्या उपयोग है? क्यूँ इस्पे इतनी सारी बातें कही जाती है ?
एफ्रीमेशन वो बातें होती हैं जो पुरे विश्वास और भरोसे के साथ खुदसे बोलतें हैं । ये सेल्फ टॉक है जो आप खुदसे करते हैं ।🩵💜
❤️💜एफ्रीमेशन कैसे काम करता है?
हमारे विचार ही हमारे जीवन को आकार देतें हैं। जिन बातों को आप सच मानतें हैं वही आपके जीवन में आपको मिलता है। क्यूंकि इस बात को आपका अबचेतन मन सच करता है।
💙❤️अवचेतन मन क्या है?
हमारे मस्तिष्क के दो भाग हैं। पहला भाग को चेतन मन कहा जाता है और दुसरे भाग को अबचेतन मन कहा जाता है।
चेतन मन आपकी पांचो इन्द्रियों के जरिये जानकारी और बातों को लेता है। अगर यही बातें, जानकारी बार बार चेतनमन को दी जाए तो वो बातें फिर आपके अबचेतन मन में चली जाती है।💜🩵
अवचेतन मन इतना शक्तिशाली है की उसे जो भी बातें कही जाए, वही बातों को वो सच कर देता है। अबचेतन मन ये नहीं देखता है की इसे सही जानकारी दी जा रही है या गलत जानकारी दी जा रही है। जो भी जानकारी इस तक पहोंचती है उसे ये सच कर देता है।
💁‍♀️एफ्रीमेशन बोलने का तरीका ?
🩵❤️💙 एफ्रीमेशन को ऐसे वाक्य में बोलें जैसे वो अभी हो चूका है और उस सच को पुरे दिल से महसूस करें।
देखिए कोई भी चीज दो बार बनती है। एक बार हमारे कल्पना में, और दूसरी बार हकीकत में।
इसीलिए affirmations को हमेशा प्रेजेंट टेंस में बोलें
जैसे वो आपको मिल चूका है और आप उसीको जी रहे हैं। इसमें अपनी पूरी विश्वास और पॉजिटिव energy भर दें।
और ये तब करें जब आपका चेतन मन एकटिव ना हो।
Affirmations कैसे और कब बोलें?💚🩵
कोई भी बात अपने अवचेतन मन तक पहोंचाने से पहले उसे एक से गुज़रना पड़ता है और वो है “चेतन मन ।
अगर आप कहतें हैं “में स्वस्थ हूँ” पर अभी आप बीमार हैं तो चेतन मन तुरंत इस बात को नकार देगा। वैसे ही आपके घर में आर्थिक परेसानी चल रही है, पर आप कहतें हैं “में धनवान हूँ।
तब आपका चेतन मन उसे स्वीकारेगा नहीं बोलेगा इतनी परेशानी फिर क्यूँ चल रही है तो ऐसे में क्या किया जाए? ऐसे में आपको जो चाहिए उन सकारत्मक बातों को तब कहनी पड़ेगी जब ये ( चेतन मन ) सचेत ना हो तो ऐसे में क्या किया जाए? ऐसे में आपको जो चाहिए उन सकारत्मक बातों को तब कहनी पड़ेगी जब ये (चेतन मन ) सचेत ना हो।
यानी जो भी सकारात्मक बदलाव, खुशियाँ आप अपने जीवन में चाहतें हैं उसे आपको तब कहनी होगी जब चेतन मन एकटिव ना हो।
चेतन मन एकटिव कब नहीं होता है?
चेतन मन एकटिव अवस्था में नहीं होता है और वो है:
🌻रात को सोने से ठीक पहले
🌻सुबह उठने के ठीक बाद
🌻और (ध्यान के अवस्था) के समय
इन तीनों समय में आप जो भी बातें पुरे विश्वास के साथ बोलते और सोचते हो वो बातें सीधा आपके अबचेतन मन में जाता है।
जिससे फिर वही बातें कुछ समय बाद सच होने लगती हैं।
अन्य समय में Affirmations कैसे बोलें?💚❤️
आप हर वक़्त मेडिटेशन तो नहीं कर सकतें और नाहीं नींद के अवस्था में जा सकतें हैं। तब affirmations कैसे बोलना है ?💜💙
अन्य समय में जब चेतन मन सचेत हो तब एफर्मेशन को लगातार बोलें यानि continuous प्रोसेस में । जैसे की वो अभी घटित हो रहा है। पूरा नहीं हुआ है पर होता जा रहा है।
जैसे आप बीमार हैं और आप स्वस्थ होना चाहतें हैं। “तब ये बोलें की मेरी सेहत ठीक हो रही है । में स्वस्थ हो रहा हूँ । जो दवाईयां खा रहा हूँ और जो इलाज हो रहा है वो मुझे स्वस्थ करती जा रही है ।
अगर आप गरीब हैं और अमीर होना चाहतें हैं तो खुदसे बोलें “में अमीर बन रहा हूँ! मुझे अमीर बनने के रास्तें मिल रहे हैं और में उस पर चलता जा रहा हूँ।
इससे आपका चेतन मन उस बात का विद्रोह नहीं करेगा क्यूंकि वो समझ रहा की काम अभी प्रोसेस में है ।
नाइट अफर्मेशन की वाक्यांशों के द्वारा अपने अवचेतन मन को प्रोग्राम किया जाता है। दरअसल हमारा अवचेतन मन फैंटेसी और रियलिटी मे फर्क नहीं कर पाता है। किसी भी बात को चेतन मन का आदेश समझ कर उस पर काम करने लगता है।

शालिनी साही
सेल्फ अवेकनिंग मीशन

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