हे मेरे प्राण के दाता !❤🩹
हे मेरे श्वास के मालिक!💝
हे मेरे मेरे सचखंणड धाम के स्वामी❤🔥
मैं कैसे तुझे पुकारू, तू तो है मेरे अंतर्मन में …
अब यह बता तू… कब ना मैं पुकारती हूं तुझे?
मैं हर वक्त पुकारती हूं बस तुझे और तू मुझे वहीं मिलता है मेरे ही अंतर्मन में…
तू तो मुझ में है इस कदर समाया जब झांकती हूं खुद को खुद ही में सिर्फ और सिर्फ तू ही बसा है मेरे अंतर्मन में…
बस तू ही तू है समाया मुझ में और सिर्फ मेरे हृदय स्थली में ना मांगती हूं मैं तेरे सिवा तुझसे कुछ भी मेरे सचखंड धाम के मालिक मुझे तो बस तेरे मिलन की है तड़प लगी…
ऐसी लगन तू तो है मेरे ही भीतर पर मैं तुझे ढूंढती हूं दर-बदर दर- बदर… न जाने कहां-कहां
क्यों खेलता है ? मुझसे….
यह लुका-छिपी का खेल हरदम मैं जानती हूं तू मुझसे भी ज्यादा प्रेम करता है मुझसे …इसी वजह से तेरी हरकत होती है ।
मैं देखती हूं कब तक तू मुझे तड़पता देखेगा एक ना एक दिन तो मैं पहुंच ही जाऊंगी तेरे सचखंड धाम को ढूंढते ढूंढते… ढूंढें भी तो क्या?
ढूंढ लो मैं तो पहले से ही विराजमान हूं सचखंड धाम में जहां तू है वहां मैं हूं जहां मैं हूं वहां तू है और बता दूं तुझे बड़ा आसान है सचखंड धाम में जाना यह राज मैं तेरे सारे बच्चों को बता दूं अगर तो भीड़ लग जाएगी हमारे सचखंड धाम में। हमें तो कब से मालूम है रास्ते🤹🏻♀️ यह राज तूने जाने अनजाने मेरे भीतर बैठे बातों बातों में ही बता दिया था।
तेरी कोई बात मुझसे छुपती है क्या? तू और मुझ में कोई अंतर है ही नहीं बस यह मन की चंचलता कर देता है।
चलो अब मैं वह रास्ते सचखंड धाम के जाने का बड़ा ही सरल है फर्क यही है कि तेरे और बच्चों को उस रास्ता का थोड़े भटक गए हैं जाकर बता दूं क्या ?
तेरे सारे पृथ्वी वासी को क्या है वह राज बता दूं बता दूं बस सिमरन भजन सत्संग👏🏼😆😁 अच्छा “परमहंस” प्यारे एक बात तो बताओ तुम यह बात क्यों पूछते हो मुझसे तुम्हें संसार अच्छे नहीं लगते फर्ज पूरे नहीं करने हैं क्या?
जब तू साथ है मुझ में विराजमान है हर पल भला कोई गुस्ताखी कोई फर्ज अधूरे हो सकते हैं क्या?
तू तो मुझसे वह सब करवा ही लेगा जो तू मुझसे चाहता है तू तो मुझे वैसा बना ही दिया है जैसा तू चाहता है अब क्या बचा है बता दे मेरे राज दुलारे?❤🩹
शालिनी साही
सेल्फ अवेकनिंग मिश