
https://youtu.be/GVs39pWk35A
🍁🍂🍁🍂🍁🍂🍁🍂🍁
यदि हम सबके मन और विवेक के बीच संघर्ष है तो हमेशा अपने विवेक का हमें अनुसरण करने चाहिए, मन का नहीं सब कुछ अपने सनातन धर्म के अनुसार करने चाहिए, दूसरे आपके बारे में क्या सोचते हैं इसकी चिंता हमें नहीं करनी चाहिए ।
विश्वास ही इस आत्मा के लिए भक्ति कि वह डोर बनी है जिसके माध्यम से हम अपने सतगुरु जी का आगमन हर पल अपने जीवन में महसूस कर सकते हैं और अपने स्वेच्छा शक्ति से बेहतर से बेहतर दृश्य में स्थानांतरित हो सकते हैं वर्तमान छन में हमारा आभार वह नीव है जिसके लिए हमें अपने सपनों का भविष्य बनाने की आवश्यकता है मैं तुम्हारे अंदर हूं। अपने आप से सब कुछ पूछे और हमें जवाब मिल ही जाएगा हम सब कुछ पलों के लिए कल्पना कीजिए कि भगवान या सर्वोच्च शक्ति एक सुगंध के रूप हमारे सामने आए जो ब्रह्मांड की सभी सुगंधो का मिश्रण है लेकिन हमारा मन केवल उन सुगंध को उठाएगा जिनसे हम सब परिचित हैं। और कहते हैं मैं भगवान की सौगंध जानती हूं यह मेरे बच्चे की सुगंध की तरह है मेरे प्रेमी, मेरे माता पिता, मेरी बचपन की यादें भगवान आपके सामने ठीक हैं लेकिन हमारा दिमाग उसके छोटे-छोटे हिस्सों को ही पहचान रहा है उसे पूरी तरह से अनुभव करने के लिए हमको मन के स्तर से ऊपर उठना होगा और फिर आत्मा के स्तर से ऊपर उठना होगा और अंत में परमात्मा बनना होगा।🙏🏻
💫⭐💫⭐💫⭐💫⭐💫
जब तक हम सबके अंदर कुछ शक्ति बची है हम इसका इस्तेमाल शिकायत करने रोने तारीख को घुमाने अपने शरीर को नुकसान पहुंचाने के लिए करेंगे, जब हम पूरी तरह से शक्तिहीन और असहाय हो जाते हैं तो हम अपने अंदर की अनंत शक्ति को खोज लेंगे। हम सब अगर कठिन समय में अपने विश्वास की जीवित रखें और अपनी सबसे बड़ी त्रासदी हमारे सबसे बड़े आशीर्वाद में बदल जाएगी।
हमारे विचार हमारी बाहरी दुनिया को आकार देते हैं। हमारी इच्छा को पूरा करने के लिए ब्रह्मांड को हमारे आसपास की चीजों को बदलना होगा। हमारा शरीर भी उन्हीं चीजों में से एक है अपने शरीर पर स्वामित्व के विचार को छोड़ दें और इस ब्रह्मांड का एक हिस्सा माने अन्यथा या तो हमारी इच्छा को कभी पूरी नहीं होगी या यह विकृत तरीके से पूरी होगी मैं देख रही हूं हम सब ने कई मौके गंवाए हैं। क्योंकि खो जाने के डर से हमने नए रास्ते नहीं चलते हैं ब्रह्मांड के हर कोने पर परमात्मा सतगुरु का नाम लिखा है। डरने की कोई बात नहीं है नए रास्तों को एक्सफ्लोर करें, हम सब अपने आप को ऐश्वर्य ऊर्जाओं के अनुकूल बनाने के लिए हम दिवाली से पहले अपना घर साफ सफाई करते हैं। हम प्रत्येक भोजन से पहले अपना चेहरा हाथ और पैर साफ करते हैं यहां तक कि भोजन करना भी उत्सव ध्यान प्रार्थना हुआ करता है। अब दिमाग ने आप को भोजन से पहले अपने हाथ धोने के लिए बैक्टीरिया के विज्ञानिक कारन की आपूर्ति की है। जब कारण सामने आता है तो यह रोबोटिक और यांत्रिक कार्य बन जाता है ।परमात्मा हर समय जशन मना रहे हैं यदि हम चाहते हैं कि उनकी उर्जा हम सब के माध्यम से प्रवाहित हो तो हर चीज का जशन मनाए।🙏🏻 धन्यवाद
🌟✨🌟✨🌟✨🌟✨🌟
शालिनी साही
सेल्फ अवेकनिंग मीशन