
हे घट घट के स्वामी, तू तो हर कण-कण में वास करता है।
तू कहां नहीं है ? तू यह तो बता तू हर वक्त में है ,हर खुशी में है, हर गम में हैं ,हर सजा में है, तू है 💚
आज हम पूछते हैं प्यारे क्या समर्पण भी कई प्रकार के होते हैं?
हमें बता वह कौन सा ऐसा समर्पण है ?
जिसकी हमें नहीं है खबर हमें बता मेरे प्रभु हम कर दे वह “अर्पण”
तुझे वह सब “समर्पण “
अब तो मेरा समर्पण भी है तुझे समर्पण हमारे पास तेरी तस्वीरों के तेरी मूरत के अलावा कुछ 😭 भी नहीं, हम तो तुझे महसूस तेरी कल्पना तेरी मूरत से ही करते हैं, तुझसे बातें तेरी मूरत से ही करते हैं ,और तू तो मुझे देखता भी है, प्रत्यक्ष रूप से। और मैंने तो तुझे फिजिकली कभी देखा भी नहीं तू तो मुझसे मिलने से पहले ही अपने शरीर त्याग दिया 😭कुछ समय कुछ पल के लिए हमारे लिए भी रुक जाते हमारे प्रभु।
शायद तुझे देख कर और भी हो जाती तुझ पर फिदा।
जब देखा भी नहीं तब तो तूने कर दिया हमें घायल ,मेरे दिलों पर राज करने लगा अगर तुझे देख लेती तो मैं तो हो जाती तेरे प्यार❤️ में पागल अब मेरा है क्या ? मैंने तो किया है तुझे सब कुछ अपना अर्पण समर्पण मेरे दुख भी सुख भी ,मेरे पाप भी मेरे पूणय भी, मेरे स्वास्थ्य भी, मेरे रोग भी, मेरी तनहाई भी, मेरी परछाई भी, मेरा खाना भी, मेरा पीना भी, अब तो कुछ है ‘नहीं मेरा सब कुछ है बस तेरा तेरा तेरा।
मेरे हर अपराध भी तेरे, मेरे र्दोष भी तेरी, अच्छा यह तो बता दो? हमसे पाप और अपराध करवाते ही क्यों हो ?चाहे तो तू इन्हें रोक भी तो सकता है ?हमारे प्रभु चलो सब कुछ तो है बस तेरा तू तो मेरा प्यारा भोला भाला है भोला भंडारी जब तुझसे मैं अपनी सजा अपनी भूल अपनी गलतियों की तुझ से गुहार लगाती हूं एक पल में ही तू हमारे भाव परख कर उसे झमा कर देता है ।और मैं हैरान हो जाती हूं कितना भोला है मेरा भोला भंडारी ❤️पर एक शिकायत है हमारी ,तेरे तो करोड़ों हैं।तेरे प्यार से तेरे भक्त, पर मेरा तो तू ही है बस एक अनमोल मेरे लिए तो तू एक ही है क्या-क्या न सपने सजाए हमने तेरी मूरत के तेरी तस्वीरों के इतनी ऊंचाई बनाऐ हैं ,हमने हमारी तमन्ना है हमारे कमरों में तेरी तस्वीर हो मेरी दीवार कि ऊँचाई और धरती मां को स्पर्श करते हुए एक बड़ी सी भव्य तेरी मूरत हो, हमारे कमरों में जिससे हम आते जाते तुझे निहारे और तू मुझे बस यही आना जाना तुझे निहारना हर पल चलता रहे इधर से जाऊँ तो तुझे देखूं उधर से आऊँ तो तुझे निहारू तेरी कातिल निगाहों में मैं डूब जाऊं और तू है कि मुझे मेरी तड़प को और बढ़ाता है, मुझे तो तू बड़ी आसानी से देख लेता है और मैं तुझे देखने के लिए तुझ से गुहार लगाती हूं ।कभी तो दिख जा मेरे प्यारे कभी मेरे सपनों में, कभी मेरे ध्यान में ,कभी हमारी समाधि में ,कभी हमारी रेकी और तू तो इतने भाव खाता है ।
तू ही जाने एक तो तू हम से बिना मिले ही तय कर लिया अपना जाना 2017 में हमें खबर भी नहीं की और खुद ही नाम दान के लिए हमें चुन लिया 2022 में क्या?
तेरे जलवे हैं यह तो तू ही जाने कब तक तेरी तस्वीर में तुझको ढूंढू ,प्यारे कब तक अपने सपनों में तुझे ढूंढूं प्यारे? कब तक अपने ध्यान में तुझे ध्यान लगाऊं प्यारे ,अब तो आ जाओ हमसे मिलने अब ऐसे ना हमें तड़पाओ😭😭 कहां छोड़ चले गए हमें इस भरी महफिल में ।
तुझे तो मिल गए हैं लाखों-करोड़ों तेरे चाहने वाले, पर हमारे लिए तो तू ही हैं।
एक अनमोल प्यारे दिल चाहता है, जाकर तेरे छठे रूप का दर्शन कर आऊं श्री आनंदपुर धाम में पर हमारे पास अभी ऐसी कोई व्यवस्था नहीं जो मैं निकल परु ।
अकेली तेरे धाम को बस वक्त का इंतजार है ,हमें कभी-कभी सोचती हूं, तेरे धाम जाने में कैसी विघ्न बाधा जो तू एक नजर में सब के कर्मों को कर्म काट डालता है अपनी एक निगाह से सबके जख्म धो डालता है तेरे दरबार में आने के लिए फिर कैसी है विघ्न बाधा हमें सोचकर ही लगता है तेरे द्वार आने में, तेरे धाम आने में, कैसे हो सकती है ?
जब हमारी सोच सही हो हमारा मन पवित्र हो तो फिर तेरे धाम आने में कैसी रूकावट बता प्यारे दे मेरे सवालों का जवाब???🤔
🙏🏻 शालिनी साहि🙏🏻
सेल्फ अवेकनिंग मिशन