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क्या हम में से कभी किसी ने परमात्मा से दुःख ,तकलीफ, उदासी मांगने की इच्छा जताई है?
ऐसा क्यों? हमारे हृदय में, मन मंदिर में, ख्याल आता ही नहीं है। जबकि इस वक्त हम परमात्मा से बहुत कनेक्टेड हो जाते हैं फिर भी हम इच्छा अभिलाषा सुख की ही मांग करते हैं अब हमें सोचना है हमें परमात्मा के करीब रहना है या दूर रहना करीब है चाहत सबकी पर मांग सुख है ।
प्रश्न यह है की सुख में हम परमात्मा को याद क्यों नहीं करते?
परमात्मा स्मरण क्यों नहीं करते जब हमारे घर में कोई अवसर, मंगल कार्य होते हैं तो हम सभी ऐसा करते हैं अपने रिश्तेदारों को आमंत्रण अपने घर परिवारों के साथ मिलकर बड़े हर्ष उल्लास से पार्टी-शार्टी करके फिजूल खर्च करके खूब धूम धड़ाका करके मनाते हैं ,उस वक्त तो एक पल के लिए भी हमें “परमात्मा” का स्मरण भूल से भी आने को रहा अब सवाल यह है कि “दुःख” भला या “सुख” ?
अब हम सब किसे चुनते हैं? ऐसा सुख हमारे किस काम का जो हमें हमारे “परमात्मा” से ही दूर कर दें। वैसे सुख भी परमानेंट है नहीं फिर भी जगत के हर एक प्राणी को चाहत सुख की ही होती है। दुखों की चाहत करने का तो हमारे दिलों🫀 दिमाग में कभी आ ही नहीं सकता फिर परमात्मा से हमारा मिलन 🫂कैसे हो ?
तो क्यों ना हम परमात्मा को सुख में भी सिमरन करें और दुःख में भी तो ना हमें दुःख का एहसास होगा ना सुख का। अब हमारे भाव संभव में परिवर्तित हो गए
मनुष्य दुःखी इसलिए है कि संसार उसके अनुकूल नहीं है हम मानव हमेशा सब कुछ अपने अनुकूल चाहते हैं वैसा नहीं होने पर हम दुःखी हो जाते हैं हम यह क्यों नहीं समझते कि हम इस संसार के मालिक नहीं हैं हम तो कुछ दिनों के लिए मां पृथ्वी पर अतिथि बनकर आए हैं। आओ हम बड़े प्यार से “समभाव” यानी सुख में भी और दुःख में भी … इस दुःख ,सुख को जीते हैं…. परमात्मा से “प्रेम” ऐसा हो जो हमारे भीतर कुछ शेष🤏🏻 ना रह जाए, हमें हमारी सांसे बड़ी अनमोल बड़ी कीमती है।
है ना❓
शायद हम बेखबर सांसों से भी बहुमूल्य हम सबके भीतर हो उससे भी हमें परमात्मा के श्री चरण कमलों में समर्पित कर देने चाहिए। प्रभु हमारे दुःख भी तेरे चरणों में हमारे पुण्य, पाप भी तेरे
श्री चरण कमलों में ।
कर्म तो हम हर पल करते रहते हैं अच्छा ,बुरा ,पाप, पुण्य ,अच्छा किया फिर भी तेरे “चरणों” में बुरा के लिए बारंबार दंडवत प्रणाम अच्छा के लिए आपका आशीर्वाद🙇🏻‍♀️ हे प्रभु! हम सब को अपने आशीष ऐसी देना तुझ पर से हमारा विश्वास कभी डावाडोल ना हो और हमें सुख दुःख में कोई अंतर फर्क ना रह जाए ,ऐसी हम सबको तू वर देना।🙇🏻‍♀️
#️⃣ शालिनी साही

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