आज का बहुत प्यारा सत्संग, हमारे साथ हैं गुरुदेव हमें किस बात की चिंता?


🍁”नामदानप्रार्थना”🍁
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भक्ति में प्रार्थना का बड़ा महत्त्व है, प्रार्थना विधि नहीं, उपचार है । प्रार्थना भक्ति का प्राण है |
प्रेम प्रार्थना का प्राथमिक रूप है । प्रार्थना में प्रतीक्षा का धैर्य भी समाया है |
यह तभी पूरी होती है जब मन, कर्म, वचन से ह्रदय में प्रार्थना उतारी जाए |
हमारे चिन्तनमें, चर्या में और चर्चा में समानता होनी चाहिए | ऐसी प्रार्थना करने वाले कभी संकटमें नहीं पड़ते |
शुकराना शुकराना शुकराना 🙏🏻”प्रभु” करोड़ों पुण्य मिले हमें तब नामदान मिला हमें प्रभु ने खुद चुना हमें शुकराना शुकराना प्रभु 🙇🏻‍♀️ अब है हमें अपने कर्तव्य निभाने स्वास स्वास में Prabhu Naam Ka Jap Hai karne प्रभु नाम का जाप है करने ,पांचों नियम, नियम से करने फिर देखो प्रभु क्या-क्या करने, नामदान हमें मिला बड़े भाग्य से, इसकी कीमत समझे हम सब इतने प्यारे गुरु है मीली, इसकी कीमत समझो रे बंदे, हमने किए हैं कितने अपराध अब सिर्फ चरण कमलों में क्षमा मांग ने है …
हम सबसे कितनी भूल हुई है…
मन, कर्म, वचन ,काया से श्री चरण कमल में कान पकड़कर, माथा रगरकर कर माफी मांगे 🙏🏻हे प्रभु हमारी इन भुलों को करो क्षमा🙏🏻
प्रभु करो क्षमा अब यही भूल हुई है जगत के हर प्राणी से, उन भुलों की मैं माफी मांगू🙏🏻 अब क्षमा करो मेरे प्यारे प्रभु, यह अपराध है हर प्राणी से हुई…
तू करुना का सागर है ,इस भूल की हम मांगे माफी क्षमा करो, हे दया के सागर हमसे हुई है बड़ी भयंकर अपराध…
इस अपराध की सद्बुद्धि दे दो हम सबको अब ना करें ऐसे अपराध…
नाम दान की कीमत समझे करोड़ों पुण्य जब हमारे मिलते तब नामदान हमें हैं मीलते…
प्रभु जो हैं चुनते ,इतने प्यारे परमहंस हमारे, हमें हैं उनसे प्रेम लगाने, प्रेम के भूखे हमारे परमहंस प्यारे, वह हर समर्पण हमारा स्वीकार है, वह हर समर्पण हमारा स्वीकारें…
प्यारे प्रभु हमारे नामदान के लिए चुने हम सबको सब से हाथ जोड़कर विनती है हमारी,सब से हाथ जोड़कर विनती हमारी निस्वार्थ भाव से करो प्रेम प्रभु से, फिर देखो होता है क्या क्या आगे ,
इतने प्यारे हैं गुरु हमारे गुरु ने थामा हाथ हमारा छोरे न छूटे साथ हमारा हम छोड़ देते हैं प्रभु गुरुदेव का हाथ गुरुदेव ना छोरे हाथ हमारा ऐसे गुरुदेव हैं हमारे🙇🏼‍♀️
कई मनुष्य जीवन बीते हमारे यही अपराध करते हर बार ए मन क्रम वचन जाने अनजाने करते हम सब बहुत अपराध गुरुदेव कितने हैं दयालु हमारे कान पकड़कर जब हम माफी मांगे क्षमा उसी वक्त कर देते भूल हमारे प्रभु ,
कितने हैं प्यारे ..
कई जन्म बीते मनुष्य हमारे। यही गलती दोहराई और आकर हम कर लेते मुक्ति के बंद दरवाजे 🙏🙇🏻‍♀️ करोड़ों पुण्य जब मिले हमारे ,नामदान के लिए प्रभु ने चुने हम सबको…
हम “स्वार्थी” प्रभु से क्या-क्या मांगे अब सुधर जाएं विचार हमारे प्रभु नाम की स्वास स्वास में जब कर ले रे बंदे भूल क्षमा हो जाए हमारे आत्म कल्याण के सारे खुल जाएं दरवाज🏛️ दिव्य द्वार खोलो गुरुदेव 🙏🏻🙏🏻
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सेल्फ अवेकनिंग मिशन
शालिनी साही

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