हमारे साथ या हमारे आस-पास जो कुछ भी घटित हो रहा है, यदि वह बुरा है, हानिकारक है, दुखद है तो हम दूसरों के साथ-साथ ईश्वर को भी दोष देने लगते हैं। भगवान ने हमारे साथ वो चीजें नहीं घटित कीं, इसके लिए सिर्फ हम जिम्मेदार हैं। ये हमसे जुड़े लोगों ने किया है. क्योंकि यह लोगों के कार्यों के माध्यम से था जिसने हमें एक निश्चित तरीके से महसूस कराया। लोग हमें ख़ुशी महसूस कराते हैं, कुछ हमें दुःखी महसूस कराते हैं, कुछ हमें एक बेहतर इंसान बनने के लिए प्रेरित करते हैं और कुछ हमें नीचे गिरा देते हैं। लोग हमें प्रेरित कर सकते हैं, हमारे दिल और हमारी आँखों को नए अनुभवों और जीवन भर की यादों के लिए खोल सकते हैं, या वे हमारी ताकत का हर औंस चुरा सकते हैं…
अगर हम उन्हें ऐसा करने दें। कोई भी व्यक्ति किसी प्रकार की हानि, क्षति, नकारात्मक कार्य करता है तो हमें उस व्यक्ति के साथ-साथ उस गलत व्यक्ति की भी उपेक्षा और उपेक्षा करनी चाहिए। यदि हम इसे गंभीरता से लेते हैं और ध्यान देते हैं तो हम उस व्यक्ति के साथ-साथ उसके हानिकारक कार्यों को भी ऊर्जा देंगे और वह हमें नुकसान पहुंचाता रहेगा और हमें और अधिक नुकसान पहुंचाएगा। यदि हम उस व्यक्ति और उसके कृत्यों को नज़रअंदाज़ करें, उपेक्षा करें और उन पर ध्यान न दें, तो इससे हमें नुकसान पहुँचाने, हमें चोट पहुँचाने की कोई गुंजाइश नहीं रहेगी। किसी भी विपरीत परिस्थिति के बावजूद हमेशा खुश रहें। आप अधिक सुखद घटनाओं को आकर्षित करते रहेंगे और आप अपने हर काम में सफल भी होंगे।
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शालिनी साही
सेल्फ अवेकनिंग मिशन