ब्रह्मांड को धन्यवाद करने के लिए हृदय में कृतज्ञता का भाव होना चाहिए। हृदय से भाव ही परमात्मा को समर्पित होता है। प्रेम और समर्पण होना चाहिए और हृदय से प्रार्थना पूर्वक अपनी कृतज्ञता व्यक्त करें। प्रेम पूर्वक जब सिर्फ आंसू निकलते है तो प्रार्थना निःशब्द हो जाती है। और यही सबसे अच्छा तरीका है परमात्मा को धन्यवाद करने का।

इसके अलावा और कई तरीके हैं ब्रह्मांड को धन्यवाद करने का जैसे ब्रह्ममुहुर्त में उठ कर दोनो हाथ जोड़कर दिल से परमात्मा को इस जीवन के लिए, और इस जीवन में मिली सभी चीजों के लिए धन्यवाद करें। अपने रिश्तों के प्रति, हर सुख और दुख के लिए धन्यवाद करें। संसार की सेवा करके भी परमात्मा को धन्यवाद किया जा सकता है। दान करके परमात्मा की चीज परमात्मा को अर्पित करना चाहिए। सांसारिक सुखों के लिए , प्रेम के लिए, धन के लिए, पद, मान, सम्मान के लिए, हर चीज के लिए धन्यवाद करना चाहिए।

जो नही मिला उसके लिए भी धन्यवाद करें कि जरूर कोई कारण होगा अतः उसके लिए भी शुक्रिया करें। परमात्मा है पल हमारे साथ होते हैं और हमारी रक्षा करते हैं, अतः उसके लिए भी धन्यवाद करें। हर सांस के लिए धन्यवाद करें, परमात्मा ने हमे इतना कुछ दिया है कि हमारा हर पल शुकराना में गुजरना चाहिए।

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