
🫐🫐🫐🫐🫐🫐🫐🫐🌁सबसे बड़ा तेरा दरबार है, तू ही सब का पालनहार है, सजा दे या माफ़ी गुरु देव, तू ही हमारी सरकार है। गुरु महामंत्र बारंबार है….
हे प्रभु! मेरे तीन अपराधों को माफ़ करो 🙏यह जानते हुए भी कि- तुम सर्वव्यापी हो, पर मैं तुम्हें हर जगह खोजती हूँ, यह मेरा पहला अपराध है.. तुम शब्दों से परे हो, पर मैं तुम्हें शब्दों से बांधती हूँ, एक नाम देती हूँ, यह मेरा दूसरा अपराध है..
तुम सर्वज्ञाता हो, फिर भी मैं तुम्हें अपनी इच्छाएं बताती हूँ, उन्हें पूरा करने को कहती हूँ,
यह मेरा तीसरा अपराध है..!!
सब मानने की बात है.. जब तुमको, सब कुछ मान लिया, तो मान लो, सब कुछ तुमसे है..
जब सब कुछ, अब बस तुमसे है, तो मेरा, मुझमें कुछ भी नहीं.. जब मेरा, मुझमें कुछ भी नहीं, तो तुमको ही, सब देखना है..
जब तुमको ही, सब देखना है, तो मुझको फिक्कर… किसी बात की नहीं..
बोल मेरे गुरु महाराज की जय 🙏
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चलो आज एक नई प्रार्थना करते हैं…. धैर्य, त्याग, अनुशासन और समर्पण से। अपने संस्कारों को सींचते हैं, लोभ, मोह, स्वार्थ और द्वेष को छोड़ते हैं, चलो हम अपने गुरुदेव से कुछ सीखते हैं।
मेरे आंचल की खुशियां तो, तुम्हारी ही अमानत है। मैं निरा एक पत्थर था तूने हीरे की संज्ञा दी। खनन में वर्षों है बीते था में माटी का ढेला, लगा जो हाथ मैं तेरे तभी ये रूप है पाया। पारखी तेरी नज़रों ने मुझे इस ताज में डाला। मेरे आंचल की खुशियां तो, ही अमानत है ।।
हर सांस का समर्पण हर आस का समर्पण रक्षा सदा करुंगी , विश्वाश का समर्पण 🙏🏻
जिसकी वजह से देखा, है जीत का ये दर्पण । उस प्यारे से गुरु पर, मेरा शब्द शब्द अर्पण ॥
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सेल्फ अवेकनिंग मिशन
शालिनी साही