मन्दिर में या पूजा घर में, परमात्मा की खुली आंखों से दर्शन करने के बाद गुरु मंत्र को पढ़कर प्रार्थना करना चाहिए।🙏🏻

अनायासेन मरणम् , बिना देन्येन जीवनम्।
देहान्त तव सानिध्यम्, देहि मे परमेश्वरम्।

🙇‍♀️ अनायासेन मरणम्…..
अर्थात् बिना तकलीफ के हमारी मृत्यु हो और हम कभी भी बीमार होकर बिस्तर पर पड़े-पड़े कष्ट उठाकर मृत्यु को प्राप्त न हों, चलते-फिरते ही हमारे प्राण निकल जाएं।

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🙏 बिना देन्येन जीवनम्……..
अर्थात् परवशता का जीवन न हो मतलब हमें कभी किसी के सहारे न रहना पड़े। जैसे कि लकवा हो जाने पर व्यक्ति दूसरे पर आश्रित हो जाता है वैसे परवश या बेबस न हो।
सतगुरु जी की कृपा से बिना भीख के ही जीवन बसर हो सके।

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🙏🏻 देहांते तव सानिध्यम……
अर्थात् जब भी मृत्यु हो तब भगवान के सम्मुख हो। जैसे भीष्म पितामह की मृत्यु के समय स्वयं ठाकुर जी उनके सम्मुख जाकर खड़े हो गए। उनके दर्शन करते हुए प्राण निकले।

🙇‍♀️🤲🙇‍♀️🤲 देहि में परमेशवरम्…..
अर्थात् हे परमेश्वर! ऐसा वरदान हमें देना।

जय गुरुदेव!
सनातन धर्म और संस्कृति की जय हो।

🙏🏻 शालिनी साहि 🙏🏻
सेल्फ अवेकनिंग मिशन

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