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काम ऊर्जा को अध्यात्मिक शक्ति कैसे बनायें:-
वासना के सहारे वासना से मुक्ति इसको इस प्रकार समझें जैसे किसी नदी को पार करने के लिए नदी का ही सहारा लिया जाता है नदी के जल के ऊपर से ही नाव आगे बढ़ पाती है इसी प्रकार यदि वासना के अनुभव और इसके आपके जीवन और मन पर पड़ने वाले प्रभाव को ठीक प्रकार से समझ लिया जाए तो वासना से भी मुक्त हुआ जा सकता है।
आपके जीवन के अनुभवों के अंदर ही आपके अनेक प्रश्नों के उत्तर छिपे होते हैं बस अपने अनुभवों के प्रति सजग रहने की आवश्यकता है वासना रूपी क्लेश आज के समय में व्यक्ति के जीवन का केंद्र बन चुका है यह व्यक्ति के समय, ऊर्जा और भविष्य को नष्ट करने का एक बड़ा कारण बनता जा रहा है इस कामवासना के प्रति यदि व्यक्ति सजग ना हो तो इस पर नियंत्रण नहीं किया जा सकता क्योंकि यह विचारों का मन का और अनुभव का विषय है विषय जितना शुक्ष्म होगा उस पर नियंत्रण पाने के लिए कार्य भी उतनी ही सूक्ष्मता से करना पड़ेगा इस वीडियो के माध्यम से कामवासना पर नियंत्रण के लिए कुछ महत्वपूर्ण साधन बताए गए हैं जो आपके लिए विशेष उपयोगी होंगे ,सजगता पूर्वक इस मार्गदर्शन को समझें और जीवन में धारण करें अवश्य लाभ होंगे….
“ऊर्जा का नीचे जाने का अर्थ है दुख, ऊर्जा का ऊपर जाने का अर्थ है आनंद। लेकिन नीचे जाती ऊर्जा अगर सिर्फ दुख ही देती हो, तब तो सभी लोग रुक जाएंगे। लेकिन नीचे जाती ऊर्जा सुख का प्रलोभन देती है और अंत में दुख देती है। इसीलिए तो इतने लोग उसमें बहे चले जाते हैं।
अधिकांश यह देखा जाता है कि व्यक्ति मन की चंचलता और वृत्तियों के अधीन होकर कुछ समय तक ब्रह्मचर्य का पालन करता है और बहुत शीघ्र निराश होकर अनुभव करने लगता है कि मुझे ब्रह्मचर्य से किसी प्रकार के लाभ प्राप्त नहीं हो पा रहे हैं लेकिन यह उसकी बड़ी भूल है वास्तव में ब्रह्मचर्य का लाभ प्राप्त करने के लिए विशेष धैर्य की आवश्यकता है जब अभ्यासी लंबे समय तक निरंतर अभ्यास करता रहता है ब्रम्हचर्य में दृढ रहता है तो कुछ समय बाद उसे अपने शारीरिक स्तर पर परिवर्तन दिखने शुरू होते हैं धीरे-धीरे वह शारीरिक परिवर्तन ऊर्जा में बदल जाते हैं और वह अच्छा अनुभव करना शुरू कर देता है उसके बाद वह मानसिक शांति और धीरे-धीरे आध्यात्मिक प्रगति की ओर बढ़ता है लेकिन इस सारे प्रारूप में कुछ समय लगता है और वह समय कुछ महीनों का और कुछ सालों का भी हो सकता है अगर १ साल तक निरंतर ब्रह्मचर्य का पालन किया जाए तब आप अनुभव करेंगे कि कितने विशेष और सुंदर लाभ आपने प्राप्त कर लिए हैं इस आधार पर ब्रह्मचर्य के विषय में कुछ विशेष मार्गदर्शन किया जा रहा है यदि आप १साल तक ब्रह्मचर्य का पालन करें तो आपको क्या लाभ प्राप्त होंगे इस विषय में यह चर्चा की गई है यह आपके लिए अत्यंत उपयोगी मार्गदर्शन है।
mula bandha मूलबंध योगाभ्यास में सदा ही प्रमुख क्रियाओं के रूप में जाना गया है, मूलबंध का अभ्यास एक कुछ अभ्यास है जो कि हर एक योगासन के महत्व को कई गुना कर देता है मूलबंध को सही प्रकार से जानते हुए निरंतर मूलबंध का अभ्यास करने वाले साधक के शरीर में विशेष प्रकार के परिवर्तन और जागृति होना स्वाभाविक है, मूलबंध जहां शारीरिक रूप से मनुष्य को फायदा पहुंचाता है वही आध्यात्मिक जागृति और कुंडलिनी जागरण की साधना इत्यादि में भी मूलबंध का विशेष महत्व माना गया है, मूलबंध का अभ्यास परिपक्व हो जाने के बाद जब मूलबंध को आसनों के साथ जोड़ते हैं और सजगता को मूलाधार चक्र के साथ लगा देते हैं उस स्थिति में मूलाधार सक्रिय हो जाता है और व्यक्ति की स्थिति निरंतर प्रगति की ओर रहती है लेकिन इन सब अभ्यासो से पूर्व मूलबंध को सही प्रकार से जान लेना और सही ढंग से इसका अभ्यास करना आवश्यक है इस वीडियो के माध्यम से मूलबंध के प्रारंभिक अभ्यास और धीरे-धीरे किस प्रकार से अभ्यास को बढ़ाते हुए पूरी तरह से इस अभ्यास को सिद्ध करना है इस विषय में पूरी जानकारी दी गई है वीडियो को देखें और सही प्रकार से समझे सभी योगाभ्यासी यों के लिए यह वीडियो अत्यंत महत्वपूर्ण है…… 🙏🏻
सभी से प्रार्थना है अमृतवेला फ्री मेडिटेशन से जरुर जुड़े 🙏🏻
शालिनी साही
सेल्फ अवेकनिंग मिशन

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