प्रत्येक व्यक्ति इस बात से अपरिचित है कि मानुष-देह अत्यन्त कीमती है। यह बार बार नही मिलती। एक बार यह जन्म हाथ से निकल गया तो कोई चाहे कि पुनः मिल जायेगा; यह विश्वास नहीं । कोई यह दृढ़ता से नहीं कह सकता कि मेरा कार्य शेष रह गया है, इसे अगले जन्म में पूर्ण कर लूँगा।।
महापुरुष स्थान स्थान पर जाकर संस्कारी रूहों को चेतावनी देते और जतलाते हैं। अपने काम की ओर ध्यान दिलाते हैं । जिनके अन्दर कुछ विचार या कुछ ऊँचे संस्कार होते हैं वे उनकी पावन संगति से शीघ्र जागृत हो जाते हैं और समझने लगते हैं कि मानुष जन्म एक अनमोल हीरा मिला है। आम दुनिया को यह संगति नहीं मिलती। अपने संस्कारों के अनुसार वे इसमें सम्मिलित नहीं हो पाते। चाहे उनके समीप ही सत्संग हो रहा हो। यह भी सौभाग्य है कि सत्पुरुषों की सत्संगति मिल जाये। उनकी संगति से ही मानव-जन्म की कदर और कीमत का पता चलता है।।
नाम जिसके ह्रदय में बसता वही सच्चा धनवान है।
मनन करे जो वचनों पर वह ही परम विद्वान है।।
हित्त चित्त से करे चाकरी सो ही पुरुष प्रधान है।
सजदे में उसके आ झुकता सारा कुल जहान है।।
सेवा, सत्संग, आरती -पूजा, सुमिरण, भजन-ध्यान-ये सब मालिक से जोड़ने वाले हैं। सेवा से सुरति निर्मल होती है, सत्संग से विचार-शक्ति मिलती है। भजन और आरती-पूजा से सुरति एकाग्र होती है। जब सुरति एकाग्र होकर ध्यान में लीन होती हौ तो आत्मा के दर्शन अर्थात मालिक के दर्शन होंगें। जब मालिक के दर्शन घट में हो जाएं तो उसे किस चीज की चाहना शेष रह जायेगी। जब भगवान मिल गए जो सृष्टि के कर्ता धर्ता हैं, मायापति हैं फिर उसे किस चीज़ की जररूत रह जाती है।।
यह उक्ति अथवा साधन सत्पुरुषों के दरबार में ही उपलब्ध है। सत्पुरुषों की समीपता में उनके आदेशानुसार जीवन को बनाये और नियमों का पालन करे तो निश्चय ही जीवात्मा का कल्याण होगा। इसलिए प्रत्येक व्यक्ति का कर्तव्य है कि उपासना, भजन-ध्यान , सेवा, सत्संग सुमिरन इनमें अपनी सुरति को लगाकर एकाग्रचित हो कर मालिक के ध्यान में लगाये। जीवात्मा का कल्याण करके मानुष-जन्म को सफल बनाना है। इसी में ही मानुष-जन्म की सफलता और महापुरुषों की प्रसन्नता है।।
नाम जिसके ह्रदय में बसता वही सच्चा धनवान है।
मनन करे जो वचनों पर वह ही परम विद्वान है।।
हित्त चित्त से करे चाकरी सो ही पुरुष प्रधान है।
सजदे में उसके आ झुकता सारा कुल जहान है।।
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बोलो जयकारा बोल मेरे श्री गुरुमहाराज जी की जय जय जय!!!
शालिनी साही
सेल्फ अवेकनिंग मिशन