
ईश्वर मनुष्य से शुद्ध ज्ञान, शुद्ध कर्म, और शुद्ध उपासना से मुक्ति पाने की इच्छा करते है।वह चाहते है कि हम अपने संपर्क में आनेवाले हर जीव से वैसा ही प्रेम करें जैसा ईश्वर हमसे करते है। ईश्वर हमसे न्याय, दया, और नम्रता की अपेक्षा करते है। वो चाहते है कि हमारा हृदय भी प्रेम और करुणा से भरे,हमारे अंदर जनकल्याण की भावना जागृत हो।
ईश्वर चाहते है कि हम पश्चाताप करें और अपने पापों के लिए दंडित हों। वो चाहते है कि हम उनके बताए हुए के मार्ग पर चलें। ईश्वर चाहते है कि हमें जो दुर्लभ मनुष्य जीवन मिला है उसका सदुपयोग करे।
ईश्वर चाहते है कि हम सेवा करें,भक्ति करे,अपने कुटुंब के साथ सबके प्रति सेवा का भाव रखें और निष्काम, निस्वार्थ सेवा करें,अपने हर कर्म को उनके चरणों में समर्पित करें।

Ishwar Manushya Se Kya chahtey Hai ?ईश्वर चाहते हैं कि हमारा जन्म मरण के चक्र से छुटकारा हो जाये। इसके लिए हमें पाप और पुण्य दोनों प्रकार के कर्मफलों से शून्य होना पड़ेगा, क्योंकि दोनों ही हमें संसार से बांधने वाले हैं।
सदगुरु ईश्वर ही होते है इसीलिए अपने सदगुरु को परमेश्वर मानते हुए उनकी आज्ञा का पालन करें,उनके मार्गदर्शन के अनुसार आरती,पूजा,सेवा,सत्संग, सुमिरन और ध्यान इन पांच नियमों का पालन करें।
ईश्वर स्वरूप सदगुरु हमें उनके जैसा बनाना चाहते है। वो हमें सर्वोच्च स्थान पर देखना चाहते है।हमें प्रेममई और करुणामई बनाना चाहते है। उनके जैसा नम्र ,धैर्यवान और संयमी बनाना चाहते हैं।
Ishwar Hamse Kya chahtey Hai सदगुरु चाहते है हमारी वाणी भी उनके जैसी मीठी हों,हम किसीको मानसिक या शारीरिक रूप से कोई पीड़ा न दें,अपने साथ सबके कल्याण हेतु कार्य करें यही चाहते है।
सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामया।
सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चित् दुःखभाग् भवेत्।।
सभी सुखी होवें, सभी रोगमुक्त रहें, सभी मंगलमय के साक्षी बनें और किसी को भी दुःख का भागी न बनना पड़े। इन्हीं मंगलकामनओं के साथ आपका दिन,आपका जीवन मंगलमय हो।
सदगुरु परमात्मा यही चाहते है कि सभी उनकी संतान है तो सभी सुखी रहे,सबके कर्म अच्छे हों, सबका कल्याण हो,मंगल हो।
