हमारे जीवन का लक्ष्य क्या है क्या होना चाहिए। इसके लिए पहले हम ये देखे की हम क्या लेकर साथ चल रहे है, क्या छोड़ रहे है।
मान लीजिए की अगर आप सर्दियों में शिमला घूमने जाए तो क्या वह सूती कपड़ो को नही ले जायेंगे।
जब हमको ये पता है कि हमे क्या लेकर जाना है तो हम कुछ भी फालतू समान नही ले कर जायेंगेसामने वाला यही बोलेगा कहा हैं बुद्धि कहा जा रहे हो क्या लेकर जा रहे हो।
इसी तरह अगर हमे हमारी आत्मा का लक्ष्य क्या है। आत्मा अपने जीवन काल में चलेगी, उसमे क्या लेकर जाना है क्या छोड़ कर जाना हैएक क्षण आएगा की अपना पुराना चोला छोड़ कर नया चोला धारण कर लेगी। इस नए चोले मैं उसकी साथ क्या पुराना क्या उपयोग होने वाला है, उसके संस्कार, उसका स्वभाव उसके कर्म ही उसके कर्म ही उसके साथ होंगे।
इसलिए जब हमे ये पता की हमारे साथ क्या जाने वाला है,एक क्षण आएगा की अपना पुराना चोला छोड़ कर नया चोला धारण कर लेगी। इस नए चोले मैं उसकी साथ क्या पुराना क्या उपयोग होने वाला है, उसके संस्कार, उसका स्वभाव उसके कर्म ही उसके कर्म ही उसके साथ होंगे।
इसलिए जब हमे ये पता की हमारे साथ क्या जाने वाला है,
संजीव मालिक
लाइफ कोच, मोटिवेशनल स्पीकर, स्प्रिचुअल एडवाइजर, लेखक, माइंड प्रोग्रामर, हिप्नोथेरेपिस्ट

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