चंद्र ग्रहण 2025: 14 मार्च को लगेगा चंद्र ग्रहण, जानें समय और भारत में प्रभाव

क्या भारत में दिखेगा चंद्र ग्रहण?

14 मार्च 2025 को होली के दिन चंद्र ग्रहण लगेगा, लेकिन भारत में इसका कोई प्रभाव नहीं रहेगा। यह ग्रहण पूरी तरह से विदेशी क्षेत्रों में देखा जाएगा और भारत में किसी भी स्थान से दिखाई नहीं देगा। इसलिए, भारत में इसके किसी भी प्रकार के सूतक या पातक दोष मान्य नहीं होंगे।

ज्योतिषीय और वैज्ञानिक दृष्टिकोण से चंद्र ग्रहण

चंद्र ग्रहण का ज्योतिष, धार्मिक और वैज्ञानिक दृष्टि से विशेष महत्व होता है।

✅ ज्योतिषीय दृष्टिकोण:

हिंदू मान्यताओं के अनुसार, चंद्र ग्रहण राहु और केतु के प्रभाव के कारण होता है।

ज्योतिष शास्त्र में, यह ग्रहण केतु के कारण माना जा रहा है।

राहु और केतु को छाया ग्रह कहा जाता है, जो सांप की तरह ग्रहों को डस लेते हैं, जिससे ग्रहण की स्थिति उत्पन्न होती है।

कुछ मान्यताओं के अनुसार, जब राहु और केतु चंद्रमा को निगलने की कोशिश करते हैं, तब चंद्र ग्रहण लगता है।

✅ वैज्ञानिक दृष्टिकोण:

जब चंद्रमा, पृथ्वी और सूर्य एक सीधी रेखा में आ जाते हैं, तो सूर्य का प्रकाश पृथ्वी पर पड़ता है, लेकिन चंद्रमा तक नहीं पहुंच पाता।

इस स्थिति को ही चंद्र ग्रहण कहा जाता है।


ग्रहण का समय (भारतीय समयानुसार)

📅 तारीख: 14 मार्च 2025 (फाल्गुन कृष्ण पक्ष पूर्णिमा, शुक्रवार – होली)
🕙 समय:

विरल छाया प्रवेश: सुबह 09:27

ग्रहण का स्पर्श: सुबह 10:40

ग्रहण का मध्य: दोपहर 12:29

ग्रहण का मोक्ष: दोपहर 2:30

विरल छाया निर्गम: दोपहर 3:30

विदेशों में यह ग्रहण खग्रास चंद्र ग्रहण (पूर्ण चंद्र ग्रहण) के रूप में देखा जाएगा, जो भारतीय समयानुसार सुबह 10:39 से दोपहर 2:18 तक रहेगा।

किन स्थानों पर दिखाई देगा चंद्र ग्रहण?

यह चंद्र ग्रहण निम्नलिखित क्षेत्रों में दिखाई देगा:

🌎 उत्तर और दक्षिण अमेरिका:

संयुक्त राज्य अमेरिका (USA), कनाडा, मैक्सिको, पनामा, पेरू, उरुग्वे, ब्राजील, अर्जेंटीना, चिली

🌍 यूरोप:

ब्रिटेन, आयरलैंड, नॉर्वे, स्वीडन, पोलैंड, फ्रांस, स्पेन, पुर्तगाल, जर्मनी, इटली

🌍 अफ्रीका:

मोरक्को, अल्जीरिया, घाना, नाइजीरिया, लीबिया

🌊 अन्य क्षेत्र:

पेसिफिक सागर, उत्तरी अटलांटिक महासागर, दक्षिणी अटलांटिक महासागर, पूर्वी रूस

➡️ भारत में यह ग्रहण नहीं देखा जाएगा और इसका कोई धार्मिक या ज्योतिषीय प्रभाव नहीं होगा।


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