मोक्ष मार्ग में जाने की सही दिशा है आत्मसाक्षात्कारी श्रीगुरु परंपरागत सही सदगुरू का आश्रय।
मोक्ष मार्ग में जाने की सही दिशा है श्रीगुरु परंपरागत मार्ग। आत्मा और अनात्मा को तत्व से जानने वाले ज्ञानी, ब्रम्हज्ञाते, दयालु अधिकारी महापुरुष से ज्ञानदान, नामदान व तत्पश्चात् उनके उपदेशों नुसार आचरण व्यवहार।
यह जो मोक्ष मार्ग का मार्ग है, यह जो तत्वबोध आत्मबोध स्वरुपबोध का विषय है, यह हमें एक सच्चे आत्मज्ञानी समर्थ सदगुरू महापुरुष ही समझा सकते है।
मोक्ष के लिए साधक को चाहिए कि वह बाहरी विषयों सुखों को त्यागकर आत्मसाक्षात्कारी संत, श्रीगुरु परंपरागत आत्मसाक्षात्कारी सदगुरू से ज्ञानदान, नामदान दीक्षा लेकर उनके उपदेशों नुसार भवबंधन से मुक्त होने का प्रयास करें।
मुक्ति जो है द्रव्य से, कर्म से नहीं मिलती। गुरुबोध स्वरुपबोध गुरुवाक्य ज्ञानदान हमें मुक्ति की तरफ ले जाते है। एकाग्र चित्त से गुरुबोध को अपने अंदर धारण करने से व्यक्ति मोक्ष की तरफ बढ़ता है।