नकारात्मकता क्यों बढ़ती है? आखिर यह नकारात्मकता क्या है

नकारात्मकता के अनेक रुप है। मनुष्य के जीवन में नकारात्मकता अनेकों कारणों से बढ़ती है। हमारी ही ग़लत सोच, ग़लत डिसिजन, कुछ ग़लत कर्मों के बोए हुए बीज नकारात्मकता के रुप में फल देते हैं।

कुछ नकारात्मकता, जैसे कि घर में झगड़े, कोई भी कार्य करो असफल होना प्रतिकूल परिस्थितियां, सतत् की बिमारियां इसके पिछे कभी कभी पिछले जन्म के कुछ बाकी कर्म दोष भी होते, और लगभग किसी की बद्दुआएं या नज़र का लगना भी होता है।

और एक सच्ची और कड़वी बात। हम नहीं जानते लेकिन हम में से बहुत से जन बिना हक़ का लेते हैं, या लेना चाहते हैं। वह जो भी बिना हक़ का आता है ना, वह साथ में नकारात्मकता लेकर आता है। बिना हक़ का मतलब हर किसी को काम कम और दाम ज्यादा चाहिए। और उसके लिए सब मारामारी है।

सच्चाई यह है कि, एक नीति नियम और धर्म ही है जो हमें नकारात्मकता से बचाता है।

किसी के अगर हम दो सौ, पांच सौ रुपए भी रखते हैं या डुबो देते हैं, भूल जाते हैं, तो वह सौं रुपए भी किसी की जींदगी तबाह करने के लिए काफी हो जाते हैं।

उदाहरण के लिए, किसी के तुमने सौ रुपए रखे हैं और बेशक तुम भूल गए हो। लेकिन उस सौ रुपए के लिए वह इंसान तुम्हारे पिठ पिछे तुम्हें रोज सौ गालियां देता है। बेशक तुम यह नहीं जानते। लेकिन यह अदृश्य रुप में, नकारात्मकता के रुप में, बैक ग्राउंड में काम करता है। इस तरह से अगर किसी का कर्ज लेन-देन हिसाब-किताब बाकी है, तो तब भी हम नकारात्मकता का शिकार होते है। इससे यह याद रखना है, कि हमें किसी की भी बद्दुआएं नहीं लेनी। अगर तुम सही हो और कोई तुम्हें बुरा भला कहता भी है तो तुमपर उसका असर नहीं होगा। लेकिन तुम जानें अंजाने में ही सही अगर ग़लत हो तो तुम नकारात्मकता से घिर जाओगे।

ऐसे बहुत से कारण हैं नकारात्मकता के। दूसरा ऐसा है, कठोर हृदय। दिल तोड़ने वाली कठोर बातें करने वालों को भी आगे चलकर नकारात्मकता घेर ही लेती है। संतो का अपमान करने वालों को परमात्मा माफ़ नहीं करते।

मैंने यह देखा है। अगर घर में या जीवन में नकारात्मकता नहीं चाहिए तो सबसे पहले नीति धर्म का पालन आवश्यक है।

किसी का भी कुछ फ्रि में नहीं लेना और लेना है तो मांगकर लेना।
महिलाओं सम्मान, कोई महिला चाहे कैसी भी हो तुम उसका सम्मान करोगे।

भीतर दया भाव, क्षमाभाव रखो। थोड़ा तो सत्पात्र-सुपात्र देना सीखों। जीवन खुशियों से भर जाएगा।

घर को सब साफ़ रखना, नमक का पोंछा लगाना यह बाद की बाते। यह भी जरुरी है, लेकिन पहले तुम्हारी वजह से किसी का भी दिल न दुखे ऐसा व्यवहार। फिर देखना नकारात्मकता तुम्हें छू भी नहीं पाएगी।

घर में हर महाना चाहे छोटा ही सही हवन करना अच्छा हैं, करना ही चाहिए। उससे नकारात्मकता शक्तियां घर छोड़कर चली जाती है। देवी देवताओं को हवन का सुगंध बहुत पसंद हैं, हवन करने से घर में देवी देवताओं का वास हो जाता है।

हर मंगलवार सुंदरकांड का पाठ करना भी अच्छा है, हनुमानजी रक्षा करतें हैं। नकारात्मकता भगाने के और नकारात्मकता से बचने के और भी बहुत से उपाय है, जिस पर हम बाद में बात करेंगे।

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