झुग्गी-बस्तियों में सहायता | Slum Assistance Programs by Self Awakening Mission
“हर इंसान को जीने का हक है—रोटी, कपड़ा, शिक्षा और स्वास्थ्य का अधिकार सबके लिए होना चाहिए।”
सेल्फ अवेकनिंग मिशन का उद्देश्य केवल समाज की सेवा करना नहीं, बल्कि हर जरूरतमंद व्यक्ति को आत्मनिर्भर बनाना है। इसी उद्देश्य से हम झुग्गी-बस्तियों और गरीब बस्तियों में रहने वाले लोगों की सहायता करने के लिए विभिन्न सेवा कार्यक्रम चला रहे हैं।
झुग्गी-बस्तियों में रहने वाले लोग अक्सर भूख, अशिक्षा, स्वास्थ्य समस्याओं, बेरोजगारी और असुरक्षित जीवन जैसी कठिनाइयों से जूझते हैं। हमारा प्रयास है कि इन्हें बुनियादी जरूरतों से लेकर आत्मनिर्भरता तक की दिशा में आगे बढ़ाया जाए।
झुग्गी-बस्तियों में सहायता कार्यक्रम के मुख्य उद्देश्य
✅ जरूरतमंदों को भोजन, कपड़े और दवाइयाँ उपलब्ध कराना।
✅ स्वास्थ्य शिविर (Medical Camps) के माध्यम से चिकित्सा सहायता प्रदान करना।
✅ बच्चों को नैतिक शिक्षा और पढ़ाई की सुविधा देना।
✅ बेरोजगार लोगों को रोजगार प्रशिक्षण देकर आत्मनिर्भर बनाना।
✅ महिलाओं के लिए सशक्तिकरण और आत्मनिर्भरता की दिशा में काम करना।
झुग्गी-बस्तियों में सहायता के तहत की जाने वाली गतिविधियाँ
1. भूखों के लिए लंगर सेवा (Community Kitchen for the Hungry)
हम झुग्गी-बस्तियों में नियमित रूप से लंगर सेवा (Community Kitchen) चलाते हैं, जहाँ भूखे लोगों को पौष्टिक भोजन दिया जाता है।
🔹 हर दिन हजारों लोगों को भोजन उपलब्ध कराया जाता है।
🔹 बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों को प्राथमिकता दी जाती है।
🔹 त्योहारों और विशेष अवसरों पर बड़े पैमाने पर भोजन वितरण किया जाता है।
2. मेडिकल कैंप और स्वास्थ्य सेवाएँ (Medical Camps & Health Services)
गरीबी के कारण लोग उचित इलाज नहीं करा पाते, जिससे उनकी बीमारियाँ बढ़ जाती हैं। हम निःशुल्क मेडिकल कैंप लगाकर इनकी सहायता करते हैं।
🔹 निःशुल्क दवाइयाँ और प्राथमिक उपचार उपलब्ध कराना।
🔹 डॉक्टरों की टीम द्वारा स्वास्थ्य जाँच।
🔹 जरूरतमंद मरीजों को अस्पतालों में इलाज के लिए सहायता।
🔹 माताओं और नवजात शिशुओं के लिए विशेष स्वास्थ्य सुविधाएँ।
3. बच्चों के लिए शिक्षा अभियान (Education Programs for Slum Children)
🔹 झुग्गी-बस्तियों में रहने वाले बच्चों के लिए निःशुल्क शिक्षा केंद्र चलाए जाते हैं।
🔹 स्कूल बैग, किताबें, कॉपियाँ और स्टेशनरी का वितरण किया जाता है।
🔹 बच्चों को नैतिक शिक्षा और संस्कारों की सीख दी जाती है।
🔹 योग और ध्यान के माध्यम से बच्चों के मानसिक और शारीरिक विकास पर ध्यान दिया जाता है।
4. रोजगार प्रशिक्षण (Skill Development & Employment Assistance)
🔹 बेरोजगार युवाओं और महिलाओं को ट्रेनिंग दी जाती है, जिससे वे स्वावलंबी बन सकें।
🔹 सिलाई, कढ़ाई, कम्प्यूटर शिक्षा, ब्यूटी पार्लर, मोबाइल रिपेयरिंग, कुकिंग क्लासेस आदि के माध्यम से उन्हें आत्मनिर्भर बनाया जाता है।
🔹 रोजगार दिलाने में सहायता की जाती है।
5. नशा मुक्ति अभियान (De-Addiction Programs)
🔹 झुग्गी-बस्तियों में नशे की समस्या बहुत अधिक होती है।
🔹 हम नशा मुक्ति अभियान चलाकर युवाओं को जागरूक करते हैं।
🔹 परामर्श शिविर (Counseling Camps) में नशे के दुष्प्रभाव बताए जाते हैं और नशे की लत छुड़ाने में सहायता की जाती है।
6. महिलाओं के लिए सशक्तिकरण कार्यक्रम (Women Empowerment Programs)
🔹 झुग्गी-बस्तियों में रहने वाली महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रशिक्षण दिया जाता है।
🔹 महिला सुरक्षा, शिक्षा और आत्मनिर्भरता पर विशेष ध्यान दिया जाता है।
🔹 महिलाओं को हस्तकला, सिलाई, मेहंदी, ब्यूटी पार्लर और अन्य कौशल सिखाए जाते हैं।
सेल्फ अवेकनिंग मिशन की सफलता और समाज पर प्रभाव
✅ अब तक हजारों भूखे लोगों को भोजन दिया जा चुका है।
✅ सैकड़ों बच्चों को शिक्षा और स्कूल जाने के लिए प्रेरित किया गया है।
✅ हजारों महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रशिक्षण दिया गया है।
✅ बीमार और जरूरतमंद लोगों को चिकित्सा सहायता प्रदान की गई है।
श्री परमहंस सतगुरु जी की कृपा और श्री संजीव मलिक जी का योगदान
यह सेवा श्री परमहंस सतगुरु जी की कृपा से निरंतर आगे बढ़ रही है। उनकी कृपा से झुग्गी-बस्तियों के लोग भोजन, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी आवश्यक सेवाओं से वंचित नहीं हो रहे हैं।
इस मिशन के संस्थापक श्री संजीव मलिक जी ने झुग्गी-बस्तियों के लोगों के उत्थान के लिए समर्पित प्रयास किए हैं। उनकी मेहनत से हजारों परिवारों को भोजन, शिक्षा और स्वास्थ्य की सुविधा मिल रही है।
आप कैसे इस सेवा अभियान में सहयोग कर सकते हैं?
✅ दान देकर जरूरतमंदों की सहायता करें।
✅ स्वयंसेवक (Volunteer) बनकर झुग्गी-बस्तियों में सेवा करें।
✅ बच्चों को पढ़ाने और रोजगार प्रशिक्षण देने में सहायता करें।
✅ झुग्गी-बस्तियों में लोगों को स्वास्थ्य और नशा मुक्ति के प्रति जागरूक करें।
