आज मैं प्रार्थना करती हूं कि भगवान हर उस व्यक्ति को ठीक करे जो दर्द में जी रहा है।🙏🏻
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“चिंता से चतुराई घटे, दुःख से घटे शरीर, पाप से लक्ष्मी घटे,
कह गए दास कबीर”
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एंग्जायटी (Anxiety) क्या है?

एंग्जायटी (Anxiety) इंसान के लिए घातक है! यह मस्तिष्क को चोट देने के साथ ही शरीर को भी नुकसान पहुंचाती है। इस दौड़-भाग में हम लोगों की जिंदगी जैसी हो गई है उसमें एंग्जायटी (Anxiety) का होना बहुत आम बात है। रिश्तों में विश्वास की कमी, एक दूसरे से आगे निकलने की दौड़, असुरक्षित महसूस करना, लड़ाई-झगड़ा, ग़लत व्यवहार, अनियमितता, समाज से दूर रहना, अपनी ही जिंदगी में लीन रहना यह सब बेचैनी के कारण हैं।
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(Anxiety) तो हर किसी को होती है परन्तु इसे बीमारी के तौर पर पहचानना मुश्किल है।
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[2:49 PM, 7/21/2023] Ketaki Drawing: https://youtu.be/2pgfBSDXfis
नाभी कुदरत की एक अद्भुत देन है !!
एक 62 वर्ष के बुजुर्ग को अचानक बांई आँख से कम दिखना शुरू हो गया। खासकर रात को नजर न के बराबर होने लगी। जाँच करने से यह निष्कर्ष निकला कि उनकी आँखे ठीक है परंतु बांई आँख की रक्त नलीयाँ सूख रही है। रिपोर्ट में यह सामने आया कि अब वो जीवन भर देख नहीं पायेंगे।…. मित्रो यह सम्भव नहीं है..
हमारा शरीर परमात्मा की अद्भुत देन है…गर्भ की उत्पत्ति नाभी के पीछे होती है और उसको माता के साथ जुडी हुई नाडी से पोषण मिलता है और इसलिए मृत्यु के तीन घंटे तक नाभी गर्म रहती है।
गर्भधारण के नौ महीनों अर्थात 270 दिन बाद एक सम्पूर्ण बाल स्वरूप बनता है। नाभी के द्वारा सभी नसों का जुडाव गर्भ के साथ होता है। इसलिए नाभी एक अद्भुत भाग है।
नाभी के पीछे की ओर पेचूटी या navel button होता है।जिसमें 72000 से भी अधिक रक्त धमनियां स्थित होती है
नाभी में गाय का शुध्द घी या तेल लगाने से बहुत सारी शारीरिक दुर्बलता का उपाय हो सकता है।

  1. आँखों का शुष्क हो जाना, नजर कमजोर हो जाना, चमकदार त्वचा और बालों के लिये उपाय…
    सोने से पहले 3 से 7 बूँदें शुध्द घी और नारियल के तेल नाभी में डालें और नाभी के आसपास डेढ ईंच गोलाई में फैला देवें।
  2. घुटने के दर्द में उपाय
    सोने से पहले तीन से सात बूंद अरंडी का तेल नाभी में डालें और उसके आसपास डेढ ईंच में फैला देवें।
  3. शरीर में कमपन्न तथा जोड़ोँ में दर्द और शुष्क त्वचा के लिए उपाय :-
    रात को सोने से पहले तीन से सात बूंद राई या सरसों कि तेल नाभी में डालें और उसके चारों ओर डेढ ईंच में फैला देवें।
  4. मुँह और गाल पर होने वाले पिम्पल के लिए उपाय:-
    नीम का तेल तीन से सात बूंद नाभी में उपरोक्त तरीके से डालें।
    नाभी में तेल डालने का कारण
    हमारी नाभी को मालूम रहता है कि हमारी कौनसी रक्तवाहिनी सूख रही है,इसलिए वो उसी धमनी में तेल का प्रवाह कर देती है।
    जब बालक छोटा होता है और उसका पेट दुखता है तब हम हिंग और पानी या तैल का मिश्रण उसके पेट और नाभी के आसपास लगाते थे और उसका दर्द तुरंत गायब हो जाता था।बस यही काम है तेल का।

सेल्फ अवेकनिंग मिशन
शालिनी साही

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