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ऐ मुसीबत तु मेरे सर पर बेकार में ही मंडराती है| गौर से देख मेरे अंग संग मेरे सतगुरु की छत्र छाया लहराती
है|
हर वो वक्त कीमती है जो सतगुरू की याद दिलाता है
हर वो कदम मुबारक है, जो सतगुरू की सेवा में लेकर आता है।
हर वो सांस कीमती है जो सतगुरू के सिमरन मै लगती है।
नही दूर है सतगुरू हमसे, ना ही मिलने की मजबूरी है। सुमिरण के रथ पर बैठ के देखो,
बस एक शब्द की दूरी है।
गुरु मुरति गति चन्द्रमा, सेवक नैन चकोर। आठ पहर पर निखरता रहे गुरु मूरति की ओर….
मेरे साथ है!
मेरा प्यार… मेरे सतगुरु का … मेरे सिर पर हाथ है!!
जिंदगी में शांति का पढ़ाया पाठ और अज्ञात का मिटाया अंधकार गुरु ने सिखाया नफरत पर विजय है प्यारा
गुरुदेव ने हमें
जो भी आशीर्वाद दिया है उसके लिए धन्यवाद्।🙏🏻
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परमहंस प्यारे की लाडली बेटी शालिनी ने पुछा :
भक्ति करने का बेहतरीन दिन कौन सा है ?
गुरुदेव ने प्यार से कहा- मौत से एक दिन पहले….. शालिनी : मौत का तो कोई वक़्त नहीं…! गुरुदेव ने मुस्कुराते हुए कहा तो जिंदगी का हर दिन
आख़री समझो…!
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शालिनी साही
सेल्फ अवेकनिंग मिशन

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