https://www.youtube.com/live/e_eiB_cfoDw?si=VIk7Jadjwcfa6_Tq किन साँसों का मैं एतबार करू जो अंत में मेरा साथ छोड जाएगी..!!किन रिश्तों का मैं यहाँ आज अभिमान करू जो रिश्ते शमशान में पहुँचकर सारे टूट जाएँगे.किस...
‘ॐ नमः शिवाय’ का जाप करने से पर्यावरण में पांच तत्वों का सामंजस्य स्थापित होता है। हर रोज़ इसका जाप करने से सभी 5 तत्वों में शांति, प्रेम और...
माया के जाल से निर्भय हुआ जा सकता है इसका केवल एक ही मार्ग है वो है भक्ति,लेकिन संसार में कुछ लोगों नें भक्ति को भी भरमा कर रख...
अवश्य कट जाते हैं चाहे हमसे कितनी भी जघन्य भूल हुई हो पर ध्यान रहे वास्तविक भक्ति की पूर्णता आत्म ज्ञान की प्राप्ति से होती है इसके अनेक उदाहरण...
ईश्वर जो सर्वव्यापी, निराकार है, निर्गुण और सीमा रहित है, उसने स्वयं को जानने के लिए कि मैं कैसा हूं? क्या गुण है मेरे जरा अलग अपना एक रूप...
दुख या सुख भगवान हमें नही देते बल्कि इसके निर्माता हम खुद होते हैं। परमात्मा ने धरती पर भेजकर, किस प्रकार का जीवन जीना है यह हम पर छोड़ा...
ब्रम्हज्ञान यानी कि आत्मा का ज्ञान। ब्रम्हज्ञान यानी कि अपने “स्व”स्वरुप का अपने भगवद स्वरूप का ज्ञान। सारे विश्व का आधार वह परम सत्य जो कि आत्मा है उस...
अज्ञान के कारण!ईश्वर इंसान के अंदर ही है लेकिन वह उसे बाहर खोजता है और खोजता ही रहता है। खोजते खोजते जीवन की शाम हो जाती है लेकिन ईश्वर...
अध्यात्म की राह अपने भीतर की ओर बढ़ने की राह है, जबकि संसार की ओर बढ़ना यानी बाहर की ओर बढ़ना है। संसार में आंखों से बाहर सबकुछ दिखाई...
एक आध्यात्मिक व्यक्ति और साधारण व्यक्ति में वही अंतर होता है, जैसे दो व्यक्ति रात के अंधेरे में घने जंगल से गुजर रहे हों, और एक के पास टॉर्च...