आप शून्यता का अभ्यास कैसे करते हैं?
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पहले छोटे-छोटे काम करें। एक समय में 5-10 मिनट पर ध्यान केंद्रित करें और अपने अभ्यास सत्र को एक सुरक्षित स्थान पर शुरू करें जैसे घर पर, काम पर या किसी व्यस्त सार्वजनिक स्थान पर नहीं। हो सकता है कि आप प्रकृति के बीच कुछ भी करने को तैयार न हों, इसलिए इसे अपने बेडरूम या लिविंग रूम में ही करें।
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क्या खाली जगह में कोई ऊर्जा होती है?
पूरी तरह से खाली स्थान में हमेशा निर्वात ऊर्जा, हिग्स फ़ील्ड और स्पेसटाइम वक्रता होगी। अधिक विशिष्ट निर्वात जैसे बाहरी अंतरिक्ष में, गैस, धूल, हवा, प्रकाश, विद्युत क्षेत्र, चुंबकीय क्षेत्र, ब्रह्मांडीय किरणें, न्यूट्रिनो, डार्क मैटर और डार्क एनर्जी भी होते हैं।
कैसे लगाएं ध्यान?🤷♀️🤷🏻♂️
ध्यान कई तरह का होता हैं। आप कोई भी गाइडेड मेडिटेशन कर सकते हैं। इसके अलावा आप क्लासेज भी जॉइन कर सकते हैं ।
आप शुरुआत कर रहे हैं तो ब्रीदिंग एक्सरसाइज से शुरू कर सकते हैं। गहरी सांस लें। सारा ध्यान सांसों पर केंद्रित करें। सांस अंदर लेते और बाहर छोड़ते वक्त आप कैसा महसूस कर रहे हैं इस पर ध्यान लगाएं। सांसों की आवाज को सुनें। ध्यान भटके तो फिर से सांसों पर ध्यान केंद्रित करें। आप सांस लेने के साथ आंखें बंद करके अंदर ही अंदर अपने बॉडी के हर हिस्से पर ध्यान ले जाने की कोशिश करें।
हजारों साल पहले हमारे ऋषि-मुनि ध्यान लगाकर हमारे अंदर छिपे ज्ञान को पाने की कोशिश करते थे। आज मेडिटेशन दिमाग को शांत रखने और स्ट्रेस कम करने का तरीका माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि मेडिटेशन करने से आपका दिमाग शांत होता है और कई समस्याओं के हल खुद-ब-खुद मिल जाते हैं। कुछ खोज में यह भी सामने आ चुका है कि ध्यान लगाने से ऐंग्जाइटी, अस्थमा, कैंसर, दर्द, डिप्रेशन, दिल की बीमारी, हाई ब्लड प्रेश, सोने की दिक्कत और सिरदर्द जैसी बीमारियों के लक्षणों को व्यवस्थित कर सकते हैं।
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भागते मन को कैसे करते है नियंत्रित?
जब हम तनाव में होते हैं तो शरीर कई तरह के इनफ्लेमेटरी केमिकल निकालते हैं। इन्हें साइटोकाइन्स कहते हैं। ये हमें डिप्रेशन की ओर ले जाते हैं। तनाव के रिस्पॉन्स में शरीर फाइट और फ्लाइट मोड में होता है। जिससे हार्ट बीट तेज रहती है, नींद नहीं आती और कई तरह की समस्याएं शुरू हो जाती हैं। ऐसे मेडिटेशन हमारे भागते मन को कंट्रोल में रखता है।
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ध्यान करने से क्या होता है?
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मन को शांत रखने के साथ चिंता, तनाव और अवसाद के लक्षणों को कम करने में ध्यान योग को बेहद कारगर उपाय माना जाता है। वहीं यह नींद विकार, ब्लड प्रेशर और कई तरह की अन्य शारीरिक समस्याओं में भी लाभदायक हो सकता है।
ध्यान करते समय क्या सोचना चाहिए?
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ध्यान करते वक्त सोचना बहुत होता है। लेकिन यह सोचने पर कि ‘मैं क्यों सोच रहा हूं?’ कुछ देर के लिए सोच रुक जाती है। सिर्फ श्वास पर ही ध्यान दें और संकल्प कर लें कि 20 मिनट के लिए मैं अपने दिमाग को शून्य कर देना चाहता हूं। अंतत: ध्यान का अर्थ ध्यान देना, हर उस बात पर जो हमारे
जीवन से जुड़ी है।
ध्यान का असर कितने दिन में दिखता है?
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एक और अध्ययन में पाया भी गया कि अब हफ्ते में चार दिन ध्यान का अभ्यास करने से भी आपको ध्यान का फायदा मिलता है। भूलने की समस्या को कम करता है। एकाग्रता में सुधार करने के लिए आपको नियमित और मन साफ़ से ध्यान करना होगा।
गीता के अनुसार ध्यान क्या है?
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ध्यान एक योगक्रिया है, विद्या है, तकनीक है, आत्मानुशासन की एक युक्ति है जिसका प्रयोजन है एकाग्रता, तनावहीनता, मानसिक स्थिरता व संतुलन, धैर्य और सहनशक्ति प्राप्त करना।
सोते समय किसका ध्यान करना चाहिए?🤔
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रात को सोने से पहले आपको अपने ईष्ट देवता या फिर कुल देवता का ध्यान करके सोना चाहिए। ऐसा करने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और आप प्रगति करते हैं।
गौतम बुद्ध किसका ध्यान करते थे?
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विपश्यना (Vipassana) एक प्राचीन ध्यान (Meditation) विधि है, जिसका अर्थ होता है देखकर लौटना। इसे आत्म निरीक्षण और आत्म शुद्धि की सबसे बेहतरीन पद्धति माना गया है। हजारों साल पहले भगवान बुद्ध ने इसी ध्यान विधि के जरिए बुद्धत्व हासिल किया था।
अपनी आने-जाने वाली सांस पर ध्यान देने से न सिर्फ हम शारीरिक बल्कि मानसिक विकारों से भी दूर रह सकते हैं। सांस हमारे तनाव, बेचैनी और ब्लड प्रेशर को नियंत्रित कर सकती है। अच्छी सांस तन और मन में सात आश्चर्यजनक बदलाव ला सकती है लेकिन इसके लिए अभ्यास की जरूरत है।
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क्या सांस लेने पर ध्यान केंद्रित करने से यह खराब हो सकता है?
जिस तरह से आप सांस ले रहे हैं, उसके बारे में सोचने से हाइपरवेंटिलेशन भी हो सकता है। अपनी श्वास को नियंत्रित करने की कोशिश करने से आप अत्यधिक क्षतिपूर्ति कर सकते हैं और बहुत अधिक हवा अंदर ले सकते हैं। जब आप पहली बार अपनी सांस लेने में बदलाव देखते हैं तो आपने गहरी सांस लेने की आदत विकसित की होगी।
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सुबह ध्यान करने से क्या फायदा होता है?
सुबह में ध्यान करने से शरीर को गजब के फायदे मिलते हैं। यह दिन की शुरुआत करने के लिए बहुत ही फायदेमंद है। कुछ ही मिनट का ध्यान आपके तनाव के स्तर को कम करने में मदद करता है। इतना ही नहीं, ध्यान करने से आपकी चिंता तो कम होगी ही साथ ही यह आपको बेहतर डिसीजन मेकर भी बनाने में मदद करता है।
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आप ज्ञान और ध्यान तभी पूरा पा सकते हैं, जब आप गुरू शिष्य की परंपरा का सही निर्वाह करेंगे। इस परंपरा में सबसे पहले शिष्य में सेवा का भाव होना जरुरी है। अगर आप मन में सेवा का भाव नहीं लाएंगे तब तक आप गुरु को नहीं पा सकेंगे।
बिना गुरु के ध्यान अधूरा है। ज्ञान और ध्यान के लिए गुरु शिष्ट की परंपरा जरूरी है।🙏🧘♀️🧘♀️🙏
शालिनी साही 🙏🏻
सेल्फ अवेकनिंग मिशन 🙏🏻