https://youtu.be/bZMyQ0qv-nY
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प्रेरणा है तू जीवन की, जीवन का तू सार है; गिरने पे संभाला तुमने, कितना निस्वार्थ तेरा प्यार है;
हे प्रभु! मेरे तीन अपराधों को माफ़ करो यह जानते हुए भी कि- तुम सर्वव्यापी हो, पर मैं तुम्हें हर जगह खोजती हूँ, यह मेरा पहला अपराध है.. तुम शब्दों से परे हो, पर मैं तुम्हें शब्दों से बांधती हूँ,
एक नाम देती हूँ, यह मेरा दूसरा अपराध है.. तुम सर्वज्ञाता हो, फिर भी
मैं तुम्हें अपनी इच्छाएं बताती हूँ,
उन्हें पूरा करने को कहती हूँ,” यह मेरा तीसरा अपराध है..!! आज क्षमा कर दो मेरे प्रभु , तेरे ही बच्चे हैं हम…
मेरे परमहंस प्यारे, सब मानने की बात है…. जब तुमको, सब कुछ मान लिया, तो मान लो, सब कुछ तुमसे है.. जब सब कुछ, अब बस तुमसे है, तो मेरा मुझमें कुछ भी नहीं.. जब मेरा, मुझमें कुछ भी नहीं, तो तुमको ही सब देखना है.. जब तुमको ही, सब देखना है, तो मुझको फिक्कर.. किसी बात की नहीं….💛💛

शालिनी साही 🙏🏻
धन्यवाद
सेल्फ अवेकनिंग मिश

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