अपने बुरे कर्मो को डिलीट करने के लिए उसके विपरित अच्छे कर्म करने चाहिए। अपने पाप कर्मों के लिए परमात्मा से माफी मांगनी चाहिए, और ऐसे पाप कर्म दुबारा ना करना पड़े इसका प्रयास करना चाहिए। अपने गुनाहों की माफी मांगने के साथ उसका प्रयाशित भी करना चाहिए, जैसे किसी का अपमान किया हो तो लोगों को सम्मान देना सीखें। किसी का धन खाया है तो गरीब लोगों की धन से सहायता करने की कोशिश करें।

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इसके साथ ही गुरु की शरण में जाकर अपने सब कर्मों का खाता गुरु चरणो में अर्पण कर देना चाहिए। इससे अपने कई जन्मों के पाप कर्म गुरु कृपा से स्वतः कट जाते हैं। इसके अलावा गुरु द्वारा दिए गए मंत्र का जाप बड़े से बड़े पापों को नष्ट करने का सामर्थ्य रखता है। गुरु की सेवा भी समस्त पापों का नाश करती है। गुरु आज्ञा में रहते हुए गुरु जी सेवा सब कर्म काटने में समर्थ है।

साथ ही सत्कर्मों के द्वारा, दान, संसार की सेवा, धर्म की स्थापना से भी पापों का नाश होता है। इसलिए परमात्मा को अपना सबकुछ अच्छा बुरा कर्म समर्पित करके उनके आश्रित हो जाना चाहिए। अपने शरण में आए पापी से पापी को भी तारने का परमात्मा ने वादा किया है। और अपने आप को कर्ता ना मानते हुए इसके फल से भी मुक्त हो जाना ही बुरे कर्मो से मुक्त होने का रास्ता है।

साथ ही ईश्वर पर अटूट श्रद्धा, भक्ति, विश्वास और प्रेम के साथ समर्पण आपको हर कर्म से मुक्त कराता है। अतः इसका प्रयास करते हुए अपने कर्मबंधनों से मुक्ति पाने का प्रयास सभी को अवश्य

चाहिए क्योंकि यही मनुष्य जन्म का अंतिम उद्देश्य है कि मुक्ति को प्राप्त हो सके।

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