आत्म-सम्मोहन के फायदे
आत्म सम्मोहन का लाभ : आत्मसम्मोहन व आत्मचिंतन की मदद से आपके शरीर तथा दिमाग दोनों सही परिणाम देने लगेंगे। हालाँकि निगेटिव विचार तनावपूर्ण परिस्थितियों की देन होते हैं, लेकिन आप अपने अंदर संतुलन पैदा कर आत्म सुझावों द्वारा उनका सामना कर सकते हैं। इसके लिए कुछ लोग मंत्रों को मन ही मन पढ़ते या फिर बोलकर उच्चारण भी करते हैं, ताकि मन को शांति एवं नई दिशा व सजगता मिल सके। मंत्रों के शब्द मन के अंदर एक जबर्दस्त पवित्र छाप छोड़ते हैं। ये शब्द दिलो-दिमाग पर गूँजते हैं, जिससे पूरा शरीर प्रभावित होता है।

सम्मोहन की अवस्था : सम्मोहन व्यक्ति के मन की वह अवस्था है जिसमें उसका चेतन मन धीरे-धीरे तन्द्रा की अवस्था में चला जाता है और अर्धचेतन मन सम्मोहन की प्रक्रिया द्वारा निर्धारित कर दिया जाता है। साधारण नींद और सम्मोहन की नींद में अंतर होता है।
सम्मोहन नींद में हमारा चेतन मन (Conscious Mind) सो जाता है तथा अर्धचेतन मन (Sub-Conscious Mind) जागृत हो जाता है।
ध्यान, प्राणायाम और नेत्र त्राटक द्वारा सम्मोहन की शक्ति को जगाया जा सकता है। त्राटक उपासना को हठयोग में दिव्य साधना से संबोधित किया गया है। आप उक्त साधना के बारे में जानकारी प्राप्त कर किसी योग्य गुरु के सान्निध्य में ही साधना करें। उक्त मन को सहज रूप से भी साधा जा सकता है। इसके लिए आप प्रतिदिन सुबह और शाम को प्राणायाम के साथ ध्यान करें।

सरल तरीका : प्रतिदिन 3 सप्ताह तक रात्रि में ध्यान करते-करते सो जाएं। यह अच्छी तरह जान लें की ध्यान में सोना नहीं है। ध्यान नींद से उत्तम है। जब आप ध्यान में सोएंगे नहीं तो आत्म सम्मोहन की अवस्था में पहुंच जाएंगे।
आप चाहे तो सोते सोते ही ध्यान करें। ध्यान करते करते नींद और जागने के बीच पहुंच जाएंगे। नींद में जागे रहने का प्रारंभिक अनुभव ही आत्मसम्मोहन की शुरुआत है। अब आप कुछ भी जानने और शरीर के बगैर कहीं भी जाने के लिए स्वतंत्र हैं। ऐसी अवस्था में आप खुद ही अनुभव करेंगे की आप आत्म सम्मोहित हो गए हैं। अब खुद को किसी भी प्रकार का निर्देश दें।
Best time to do (कब करें)?
- कभी भी जब नींद न आ रही हो
- when no negative thinking
- सुबह उठते ही specally
- रात के समय सोते हुए
- जागते हुए, सैर करते समय, चलते-फिरते, driving time, taking bath, specially taking food (भोजन और सिमरन audio) – क्योंकि उस समय हमारा मन हमारे पूर्ण नियंत्रण में होता है. हम 75% conscious level (alpha level) पर होते हैं. क्योंकि इस वक़्त हम अपने साथ अकेले होते हैं. या जब हम अपने साथ अकेले हों, तब करें.
- थोड़ी देर योग निद्रा में चले जाएं, फिर करें.
- audio में अपनी आवाज़ record करके बार-बार सुनें
- बार-बार दोहराएँ
- बार-बार सुनें
- बार-बार उसी के बारे में detail में सोचें – Creative visualization
- चिट बनाकर लगा दें – टीवी पर, bed के सामने, office table पर, जहाँ आप ज्यादा बैठें
