जीवन में कई बार ऐसे मौके आते हैं, जब हमें महत्वपूर्ण निर्णय लेना होता है, और सभी लेते भी हैं। लेकिन सही निर्णय कैसे लें, यह अधिक महत्वपूर्ण है। क्योंकि एक गलत निर्णय पूरे जीवन को बर्बाद कर सकता है, और एक सही निर्णय हो तो जीवन सार्थक हो जाता है। तो सही निर्णय लेना जीवन के महत्वपूर्ण फैसलों के अलावा रोजमर्रा के जीवन के लिए अति जरूरी है।
यह तो आप सभी जानते हैं कि विवेक शक्ति, ज्ञान, समझदारी, का सही निर्णय लेने में सबसे अहम योगदान हैं। बिना इनके सही फैसला नही लिया जा सकता, क्योंकि किसी भी परिस्थिति में निर्णय लेने के लिए उस परिस्थिति संबंधी सभी पहलुओं का ज्ञान होना जरूरी है। सही विवेक क्षमता द्वारा तर्क करके, भेदभाव रहित होकर ही आप सही निर्णय ले पाते हैं।
संतुलित मानसिक स्थिति का होना भी अत्यंत जरूरी है, यदि आप शांत मन से सोच विचार करके कोई फैसला लेते हैं तो निश्चित ही वह सही होता है। अशांत मन से कोई निर्णय नहीं लिया जा सकता क्योंकि परेशान व्यक्ति विवेक खो देता है। इसलिए जैसे: शांत जल में ही हम अपनी परछाई देख सकते हैं, वैसे ही शांत मन रूपी जल में सभी समस्याओं के समाधान दिखाई देते हैं। घटनाक्रम की पूरी जानकारी होना, उसके सभी पहलुओं को तटस्थ होकर देखना, उसके अनुसार कौन सा निर्णय उसके भविष्य के लिए अच्छा होगा, निर्णय ऐसा हो जिससे सामने वाले व्यक्ति का भला तो हो ही, पर किसी और को नुकसान ना हो।
निर्णय ऐसा लें जिसमें सभी के कल्याण की भावना हो, सिर्फ स्वार्थपरता ना हो। क्योंकि सदैव एक बात याद रखें कि हम जो दूसरों को देते हैं, वही हमें लौट कर मिलता है। प्रकृति में हर चीज की प्रतिध्वनि दिखाई देती है, जो इसमें हम अर्पित करते हैं, वही कई गुना लौट कर आता है। चाहे वह अच्छा हो या बुरा। इस बात का ध्यान रखते हुए निर्णय लेना चाहिए।
कुछ निर्णय हमे वर्तमान में पीड़ादायक लगते हैं, पर भविष्य के हिसाब से बहुत अच्छे होते हैं, तो त्वरित लाभ को ना देखते हुए दूरगामी निर्णय लें। निर्णय जिसमें सबके कल्याण की भावना हो। ऐसा निर्णय लें जिससे किसी का अहित ना हो, किसी का दिल ना दुखे। निर्णय व्यक्तिगत, सामाजिक, नैतिक और मानवीय मूल्यों को ध्यान में रखते हुए करना चाहिए। कभी–कभी जनहित हेतु कठोर निर्णय भी आवश्यक होता है जैसे: अनैतिक आचरण वालों को कठोर होकर दंड देना, अनुशासनहीनता पर दंड देना, अपराध, भ्रष्टाचार, हिंसा में सहयोगियों पर कार्यवाही करना आदि…..।
सही निर्णय के लिए हमेशा परमात्मा से सद्बुद्धि और विवेक मांगें, और उनसे कहें कि हे परमात्मा! मेरे भीतर आप ही निर्णय क्षमता बनकर सही निर्णय लेने में मेरी मदद करें इसके अलावा अपने बुजुर्गों और उस क्षेत्र के अनुभवी लोगों से सलाह लें, यह आपको निर्णय लेने में बहुत मदद करेगा। इसके अलावा अपने भीतर के आत्मतत्व से पूछें सही क्या है, वह आपको हमेशा सही रास्ता दिखायेगा क्योंकि सबके भीतर में परमात्मा ही है, इस प्रकार हम जीवन में सकारात्मक और सही निर्णय ले सकते हैं।