ईश्वर जो सर्वव्यापी, निराकार है, निर्गुण और सीमा रहित है, उसने स्वयं को जानने के लिए कि मैं कैसा हूं? क्या गुण है मेरे जरा अलग अपना एक रूप...
मंत्र-जाप हमेशा अमृतवेला में उठकर, अपने ही घर के शांत साफ़ सुथरे कोने में। या कोई साफ़ सुथरा खाली कमरा हो तो वहां पर हाथ पैर स्वछ धोकर। प्लास्टिक...
महापुरुष को पहचानना आम लोगों के लिए बड़ा मुश्किल काम है। महापुरुष बाहर से दिखने में हमारे जैसे ही होते हैं लेकिन उनके अंदर के अनेकों सद्गुणों से पहचाने...
हमारे जीवन का लक्ष्य क्या है क्या होना चाहिए। इसके लिए पहले हम ये देखे की हम क्या लेकर साथ चल रहे है, क्या छोड़ रहे है।मान लीजिए की...
दुख या सुख भगवान हमें नही देते बल्कि इसके निर्माता हम खुद होते हैं। परमात्मा ने धरती पर भेजकर, किस प्रकार का जीवन जीना है यह हम पर छोड़ा...
हम एक आत्मा है और हमारे इस आत्मस्वरुप को पुर्ततया जानने के लिए ही हम इस धरती पर आए हुए हैं। हम सब मनुष्य “मैं कौन हूं” को जानने...
ब्रम्हज्ञान यानी कि आत्मा का ज्ञान। ब्रम्हज्ञान यानी कि अपने “स्व”स्वरुप का अपने भगवद स्वरूप का ज्ञान। सारे विश्व का आधार वह परम सत्य जो कि आत्मा है उस...
अज्ञान के कारण!ईश्वर इंसान के अंदर ही है लेकिन वह उसे बाहर खोजता है और खोजता ही रहता है। खोजते खोजते जीवन की शाम हो जाती है लेकिन ईश्वर...
मोक्ष मार्ग में जाने की सही दिशा है आत्मसाक्षात्कारी श्रीगुरु परंपरागत सही सदगुरू का आश्रय। मोक्ष मार्ग में जाने की सही दिशा है श्रीगुरु परंपरागत मार्ग। आत्मा और अनात्मा...
अध्यात्म यानी अपने भीतर की यात्रा, और संसार यानी बाहर की यात्रा। जब हम बाहर की यात्रा करते हैं, तो सबकुछ दिखाई देता है, कहां जाना है? कैसे जाना...