माया के जाल से निर्भय हुआ जा सकता है इसका केवल एक ही मार्ग है वो है भक्ति,लेकिन संसार में कुछ लोगों नें भक्ति को भी भरमा कर रख दिया है। तंत्र-मंत्र पूजा-पाठ करना भक्ति का पहला पड़ाव हो सकता है लेकिन भक्ति नहीं। असली भक्ति अपनी आत्मा से जुड़ना होता हैं सच्चे ज्ञान को प्राप्त करना है। जब भी आपके मन संशय आये आप अपनें धर्म ग्रंथों का अध्ययन कीजिए हमारे सभी धर्म ग्रंथों में धर्मपरायणता पर बहुत जोर दिया गया हैं,माया से मुक्त होने का केवल एक ही मार्ग है अच्छे कर्म और सच्ची भक्ति। जैसे – जैसे हमारे कर्मों में सुधार आता जाता है आप अपनी आत्मा से जुडते जाते है और आप में निखार आता जाता है और एक दिन आत्मा अपनी सर्वोच्चता को हासिल करती जाती हैं। और भक्ति बिन सदगुरू के संभव नहीं, माया के भय से मुक्त होने के लिये जीवन में सदगुरू का होना आवश्यक है जब सदगुरू के द्वारा नाम दान दिया जाता है, और जब लगातार नाम का जाप करके अपनी सुरति को सत्य की ओर इकट्ठा किया जाता है जब जाकर हमारी भक्ति,हमारी निष्ठा पकती है,तब जीव माया के जाल से मुक्त हो जाता है। तो गुरू कृपा ही केवलम
माया से निर्भय होने का केवल और केवल एक ही मार्ग है गुरूकृपा,गुरूकृपा और गुरूकृपा इसीलिये गुरू बनाइये,नामदान लीजिये और नाम का जाप कीजिये। अगर जीवन में गुरू नहीं है तो सच्चे गुरू की प्राप्ति हेतु अपने ईष्ट जिनको भी आप मानते है उनसे या अपनी आत्मा से प्रार्थना कीजिये।
गुरू को लेकर मन किसी भी प्रकार के प्रश्न है जैसेः-
1.सच्चे गुरू कौन होते है ?
2.गुरू किसको बनाना चाहिये?
3.गुरू की महिमा क्या होती है?
तो इनके उत्तर पाने के लियेहमारे विडियो देखिये।
जय सच्चिदानंद जी 🙏🏻🌹