परिस्थितियां कभी भी एक जैसी नहीं रहतीं। परिस्थितियां आतीं और चली भी जाती है। और जीवन है तो परिस्थितियां तो आती रहेंगी। मनुष्य जीवन सुख और दुःख का, अनुकूलता और प्रतिकुलता का सम्मिश्रण है।
तो जब जीवन में कठिन परिस्थितियां आयें तों घबराए नहीं, हिम्मत से काम लें, धैर्य रखें। कठिन परिस्थितियों में धैर्य से, सारा-सार विवेक-विचार और समझ से काम लें।

हमारी, हमारे क्षमताओं और समझ की, हमारे भीतर के कौशल की, हमारे भीतर के साहस और सहनशीलता की असली परख कठिन परिस्थितियों में ही होती है।
जब कठिन परिस्थितियों का सामना करना पड़े तो घबराएं नहीं। अपनी गहरी समझ से उस परिस्थिति का मूल कारण जानें और फिर अपने विवेक से उसका हल ढूंढ़ने का प्रयास करें।

कठिन परिस्थितियों में सही डिसीजन लेने के लिए एक शांत मन का होना आवश्यक है। अपने दिमाग का संतुलन बनाए रखना आवश्यक है। क्योंकि एक शांत मन ही समस्या का हल ढूंढ़ता है, और एक संतुलित व्यक्ति ही हर परिस्थिति का आसानी से सामना कर सकता है।

और इसलिए मनुष्य को जीवन में ध्यान-धारणा और मेडिटेशन की आदत डालना चाहिए। जीवन में सदगुरु चाहिए। जिनके जीवन में सदगुरु होते हैं वे सदगुरु प्रदत्त ज्ञान विवेक-विचार से हर परिस्थिति को आसानी से पार कर जाते हैं।

कठिन परिस्थितियों में अगर हम घबरा जाते हैं, उनसे भागना चाहते हैं, तब परिस्थितियां और भी बिगड़ जातीं हैं। ऐसी स्थिति में धैर्य, साहस, समझ और सहनशीलता काम आती है। एक विवेकशील व्यक्ति कठीन परिस्थितियों से घबराता नहीं, उनका डटकर सामना करता है।

परिस्थितियां चाहे कैसी भी हो, अगर हम डटकर सामना करते है तो हम एक मजबूत इंसान बनते जाते हैं। जैसे पत्थर को छन्नीहातोडे से छांटकर मुर्ती तैयार की जाती है, ठीक वैसे ही कठिन परिस्थितियां मनुष्य को मजबूत, महान और एक सफल इंसान बनाती है।
धन्यवाद!

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