मृत्यु क्यों एकमात्र अटल सत्य है? शरीर की मृत्यु निश्चित है, शरीर की मृत्यु एक अटल सत्य है पर आत्मा की नहीं। शरीर नश्वर है और आत्मा अमर वस्तु...
एक सच्चा आत्मज्ञानी नित्य जागा हुआ, अपने ही वीरागता की अनुभूति में रमने वाला, शांतमन व समाधानी, अपने मे ही पूर्ण होता है। उसे अपने खुशी के लिए किसी...
मन को शांत रखना अपने हाथ में है यदि आप समझदार हैं तो। समझदारी अर्थात ज्ञान होना कि सहीं क्या है और गलत क्या है। ज्ञानवान व्यक्ति कठिन से...
आत्मा तो हमेशा होती है ना! आत्मा का अस्तित्व हमेशा होता है, चाहें गहरी निद्रा हों या शरीर की मृत्यु। गहरी निद्रा में आत्मा शरीर के भीतर ही रहतीं...
एक होता है बाह्य जगत और एक है अंतर जगत। वैसे देखा जाए तो यह दुआएं, बद्दुआएं अंतर जगत का ही एक विषय है। यह अदृश्य ऊर्जा सकारात्मकता या...
बोल बोल कर, सेल्फ टॉक के जरिए हम अपने अवचेतन मन की प्रोग्रामिंग कर सकते हैं। सेल्फ टॉक यानी खुद से ही बातचीत करना। आइने में देखकर या दिन...
अच्छे लोगों की परीक्षाएं ली जाती है, उन्हें प्रतिकुल परिस्थितियां, थोड़ी बहुत दुःखदायक परिस्थितियां दि जाती है। यह देखने के लिए की वे सचमुच अच्छे हैं? क्योंकि जो सचमुच...
कुछ दुःख प्रसादी के रूप में आते है, कुछ दुःखों के कारण ही जीवन स्वर्ग जैसा सुंदर, पवित्र-पावन हो जाता है। और इसका एक सुंदर उदाहरण हमारी एक बहेन।...
जन्नत की परवाह तो उन्हें होती है जिन्होंने देखी नही और रहा सवाल मेरा तो मेरी जन्नत गुरु से ही शुरू और गुरु पर ही खत्म होती है।सब कुछ...
Pellentesque in ipsum id orci porta dapibus. Nulla porttitor accumsan tincidunt. Curabitur arcu erat, accumsan id imperdiet et, porttitor at sem. Vestibulum ac diam sit amet quam vehicula elementum...