अनंत गुण है आत्मा के।आत्मा अनंत गुणों की ख़ान है।आत्मा अजर-अमर है।आत्मा चेतन स्वरूप है।आत्मा सनातनी है।जब कुछ भी नहीं था तब भी आत्मा थी, आत्मा अभी वर्तमान में...
तपस्या में या साधना में एकांतवास, अंतर्मुखता की अत्यंत आवश्यकता होती है।तपस्या में, ईश्वर प्राप्ति में जो भी चीजें बाधक हो उनका सर्वथा त्याग आवश्यक होता है।अच्छी तपस्या में...
आख़री जन्म मतलब मुक्ति की अवस्था।जो जीतें जी मुक्त होता है, जो जीवन मुक्त होता है, वहीं शरीर के मृत्यु के बाद मुक्त हो सकता है, उसी का आखिरी...
कुछ लोगों के जीवन में दुःख और तक़लिफे कुछ ज्यादा होती है, क्योंकि उन्होंने वैसे ही, दुःख और तक़लिफे पैदा करने वाले बीज बोये हुए होते हैं। कुछ लोग...
इस पृथ्वी पर का अंतिम सत्य है मौत। अपने शरीर सहित सभी चीजों का नष्ट होना, बनना और बिगड़ना। इस पृथ्वी पर का अंतिम सत्य है एक दिन मनुष्य...
नहीं! प्राण और आत्मा दोनों एक नहीं है। प्राण और आत्मा दोनों बिल्कुल अलग है। प्राण वायुतत्व है, वायुतत्व को प्राण कहते हैं। और आत्मा जो है प्राण से...
भविष्य निश्चित कभी भी नहीं होता, भविष्य हमेशा आज़ हमारे हाथ में होता है। हमारे आज़ के प्रयास कल का भाग्य या भविष्य होते हैं। हम हमारे आज़ के...
ध्यान में मृत्यु होगा तो अच्छा ही होगा, जीव का हमेशा के लिए कल्याण होगा। जनम जनम से परमात्मा से बिछड़ा, दुःखी जीव जन्म मृत्यु के चक्र से मुक्त...
एंजेल्स यानी देवदूत, धरती पर के देवी-देवता। अगर हम देवताओं जैसा, निस्वार्थ प्रेम-भाव, सेवाभाव, देनेवाला स्वभाव रखते हैं, अगर हम परमात्मा को, हमारे अपने सद्गुरु भगवान जी को हम...