कुछ दुःख प्रसादी के रूप में आते है, कुछ दुःखों के कारण ही जीवन स्वर्ग जैसा सुंदर, पवित्र-पावन हो जाता है। और इसका एक सुंदर उदाहरण हमारी एक बहेन।...
जन्नत की परवाह तो उन्हें होती है जिन्होंने देखी नही और रहा सवाल मेरा तो मेरी जन्नत गुरु से ही शुरू और गुरु पर ही खत्म होती है।सब कुछ...