सतगुरु सर्वे सर्वा
बोलो जय कारा बोल मेरे श्री गुरु महाराज की जय। श्री सतगुरु देव भगवान की जय।🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🌹
मेरे प्यारे पिता परमात्मा गुरुदेवजी आपकी चरणों में कोटि कोटि नमन स्वीकार करें और यह आपकी बच्ची आपके कृपा चरणों में जो भी प्यार भाव लिख रही है उसे एक प्रयास मात्र रूप में स्वीकार करें। मेरे दाता, मेरे कृपा सिंधु, मेरे पिता मेरी इतनी औकात भी नहीं की मैं अपने इन हाथो से आपकी कृपा महिमा में कुछ लिख पाऊं, वह सब आप ही लिखने वाले हो। मुझे पता है मेरे पिता आप मेरे अंग संग रहते हो। मेरी हर एक मन की बात सुनते हो।
आप ही कृपा करना की, मैं यह जो कुछ आपकी कृपा दया में लेख लिख रही हूं, वह सच्चे भाव से लिखी हुई एक भोले भक्त की पिता परमात्मा के चरणों में भेट हो।🙏🏻
मेरे श्री सतगुरुजी, श्री शष्टम पदशाहिजी गुरुमहराज, जिनके साथ प्रीत कुछ ऐसी लगी की उनके बारे में लिखना भी हो तो, आंखों से अश्रु बहने लगते है, और मस्तक अपने आप ही श्री चरणों में झुक जाता है। मैं क्या लिखूं आपकी रहमत में मेरे दाता, मुझ में ना मै रहा तू ही तू समाया अब समझ नही आता की मैं हूं कहां।
लगभग ६ महीने पहले की बात है जब हमारे सर, संजीव सर जी के मैं सत्संग सुनती थी। सर की वाणी में भक्ति की कुछ ऐसी मिठास दिखी कि उनके श्री सतगुरु जी के बारे में जानने की लगन लगी। लगा की, जैसे अपने आप ही मेरे साथ हो रहा है, और मैं बहती जा रही हूं इस भक्ति की धारा में। मुझे मेरे पिता परमात्मा ने ही चुना था इसलिए तो, मैं उनके काबिल भी नही थी फिर भी मुझे वह मिले। सारे संसार का प्यार उनमें ही दिखा।🙏🏻❤️🌹
मेरे श्री सतगुरु जी की जब मैं श्री आरती पूजा करती हूं तो मुझे वह मेरे सामने बैठे हुए नजर आते है। अश्रु भरे नेत्रों से उनसे बाते करती हूं पर शब्द नही होते। शब्दों का काम ही क्या जब दो, दो ही ना रहे एक ही समरस हो। सोते, उठते, खाते, पीते, काम करते बस उनसे ही बातें होती है, मौन जग के लिए घटित हो गया और गपशप मेरे पिता परमात्मा के साथ होने लगी। हर एक छोटी सी छोटी सिक्रेट उनको बताती हूं और उनसे छुपाना भी क्या, वो मेरे सपने में आ के कहते है कि, तुम्हारी हर मन की बात मैं सुनता हूं।
ऐसे मेरे श्री गुरु महाराज मेरे रोम रोम में बस गए। अब बोलूं भी तो क्या वह मेरे सर्वे सर्वा बन गए। लोग मुझे पागल समझते हैं, बोलते है कि पगली मत कर इतनी भक्ति पागल हो जाएगी। मैं उनसे कहती हूं कि, वह भक्त की भक्ति ही क्या जो भगवन के श्री चरणों अपने आप को निछावर ना करें।
मेरे प्यारे श्री सतगुरु जी के कृपा दया का एक किस्सा मुझे याद है। बहुत सालों से मैं sleep paralysis से जूझ रही थी, मुझे तो यह सब दुष्ट आत्माओ का किया कराया लगता था। स्लीप पैरालिसिस के बारे में जानने के बाद, और खुदको समझाने के बाद कि, ऐसी कुछ नही होता, वह तो नींद में थकान की वजह से होता है, पर मुझे कुछ राहत नही मिली। हनुमान चालीसा से थोड़ी बहुत राहत मिलती। सभी माता और प्रभुओंको भी प्रार्थना करती पर जैसी थे वैसी ही सिचुएशन, अब तो मैं सोने से भी डरती थी। कोई मेरे साथ हो तो ही उसके बगल में सोती, अकेले तो बिलकुल भी नहीं सो पाती थी।डर के मारे सारी रात जागती और सुबह सोती। फिर कुछ ऐसा कमाल हुआ की, जब उस पिता परमात्मा को पुकारा लगाई, तभी वह आए मेरे श्री सतगुरु जी बनके आए। संजीव सर जी के सत्संग में मेरा जरिया बन कर आए। मैं तो उनको जानती भी नही थी। सर जी के अलग अलग सत्संग में श्री गुरु महाराज जी की महिमा में बाते सुनती और उनसे मन ही मन प्यार करती। सोचती यही मेरे गुरुदेव है, यही मेरे असली पिता। सर ने अपने सत्संग में श्री गुरु महिमा में उल्लेख किया है कि, जो भी सच्चे दिल से उनको पुकार लगाए, उनसे प्यार करे, तो वह आते है अपने बच्चे के पास उसकी मदद करने। यही सर के शब्द कानों में गूंजते रहते, और अब, मैं उनको अपना मान चुकी थी उनकी महिमा जान चुकी थी, ठान लिया अब कुछ भी हो पुकार तो सिर्फ और सिर्फ मेरे श्री गुरु महाराज जी को ही लगाऊंगी। एक रात जब फिर नेगेटिविटी ने मुझ पर अटैक किया तो नींद में भी श्री गुरु महाराज को ही आवाज लगाई।
गुरुदेव!!!! जोर से आवाज लगाई, “ये सब मुझे मार डालेंगे, बचाइए”! और क्या रहमत हुई तब से अब तक ना नेगेटिविटी का पता है नाही डर का।
बोलो जय कारा बोल मेरे श्री गुरु महाराज की जय। श्री सतगुरु देव भगवान की जय।🙏🏻🙏🏻❤️❤️
लिखते लिखते पन्ने भर जायेंगे पर उसकी रहमत नही लिख पाऊंगी। मैं तो कुछ भी नही था, तूने ही सहारा दीया इस भटके राही को तूने ही किनारा दिया। मेरे पिता परमात्मा आप मुझमें यूं समा गए हो की हर वक्त मेरे साथ हो। आपके बिना मैं एक पल ना रहूं हर पल बस आपके ही गुण बखान करू। मेरे श्री सतगुरु जी की मैं क्या बात करू, मेरे साथ खाते है, बैठते है, बजार जाते है, मैं जहां भी जाऊ मेरे हमराही बनकर आते है। मेरे हर एक तरीके से मददत करते है। तो क्यूं ना मैं उनके भक्ति पे न्योछावर हो जाऊ, क्यूं ना मैं उनसे ही प्रीत करू, और क्यूं ना मैं उनको ही अपना सर्वे सर्वा मानू।❤️❤️❤️🙏🏻🙏🏻🙏🏻🌹🌹🌹

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