कर्मो के बोझ इतने अधिक हैं कि इनसे छुटकारा कैसे मिलेगा यह समझ नही आता, लेकिन ब्रह्मांड के पास हर सवाल का जवाब है और हर समस्या का समाधान...
अपने बुरे कर्मो को डिलीट करने के लिए उसके विपरित अच्छे कर्म करने चाहिए। अपने पाप कर्मों के लिए परमात्मा से माफी मांगनी चाहिए, और ऐसे पाप कर्म दुबारा...
ब्रह्मांड को धन्यवाद करने के लिए हृदय में कृतज्ञता का भाव होना चाहिए। हृदय से भाव ही परमात्मा को समर्पित होता है। प्रेम और समर्पण होना चाहिए और हृदय...
मोक्ष अर्थात् जीवन–मरण से मुक्त हो जाना। मोक्ष प्राप्ति का अर्थ है कि परमात्मा से अलग हुआ जीव फिर अपने उसी परमात्मा स्वरूप में लीन हो जाता है। जब...
हमारा धर्म, इसका धर्म, उसका धर्म यह सब उपरी उपरी बातें हैं। अज्ञानी लोग जिन्हें धर्म कहते हैं वह सब संप्रदाय या अलग-अलग पंथ होते हैं।असल में हम सबका,...
युग कोई भी हो गुरु के बिना पुरा ज्ञान या आत्मज्ञान की प्राप्ति असंभव है। यह जो गुरु परंपरा है ख़ुद परमात्मा ने स्थापित कि हुईं हैं। परमात्मा ही...
जिस में कुछ मिलावट ना हो वह शुद्ध और जिस में कुछ मिलावट हो वह अशुद्ध ऐसा तो हम सब जगह व्यवहार में देखते हैं। आत्मा जो है पहले...
आत्मा परमात्मा का ही अंश है अतः परमात्मा के सभी गुणों से आत्मा भी युक्त ही है। अंतर सिर्फ इतना है कि उस पर विकारों की मैल चढ़ी है...
हम परमात्मा का ही अंश हैं अतः हमारे भीतर भी वो सारे गुण और शक्तियां समाई हैं, जो परमात्मा में है। बस अंतर इतना है कि अज्ञानतावश हम भूल...
यह सम्पूर्ण ब्रह्मांड उस निराकार परमात्मा का ही साकार रूप है, उससे अलग नही। परमात्मा ने सृष्टि बनाई और खुद ही इनके भीतर छुप गया। इसलिए जब हम सबके...