नामस्मरण से मुक्ति मिलेगी और ध्यान-योग से नहीं यह बात ग़लत है। और नाम-जाप को भी केवल रटने मात्र से मुक्ति नहीं मिलती। मुक्ति के लिए नाम भी सदगुरु...
आत्मा के मुक्त होने के बाद का जन्म किस कर्म के आधार पर होता है? आत्मा अगर मुक्ति प्राप्त कर लेती है तो इसका सीधा मतलब ही यही है...
जी बिल्कुल! हम यह जान सकते हैं की, हम इस धरती पर क्यों आएं हैं और हमारा यहां आने का आख़िर उद्देश्य क्या है।और हमे हर हाल में यह...
हम क्यों जी रहे है, क्या वास्तव में जीवन का कोई उद्देश, जीने का अर्थ होता है? हम जी रहे हैं क्योंकि हम मनुष्य शरीर लेकर यहां धरती पर...
क्या शरीर से आत्मा निकल जाने के बाद ,जीवन लीला याद रहती है? शरीर छोड़ते ही जीव शरीर के बाहर ही उसके आसपास चक्कर लगाते रहता है, क्योंकि उसे...
सूक्ष्म शरीर, जीव,और आत्मा में क्या अंतर है, इनका क्या कार्य है? शास्त्रों में हम पंच कोषों की बात करते हैं, या हमने सुनें है, उसमें से स्थूल शरीर...
इंसान की जिंदगी का मूल उद्देश्य है अपने स्वयं के मूल स्वरूप को जानना, उसमें स्थित-स्थिर होना और जन्म मृत्यु के चक्र से पार हो जाना। इंसान की जिंदगी...
मन चंचल है! क्योंकि वह निरंतर बहुत कुछ देखते सुनते महसूस करते रहता है। उसे टिकाने के लिए बाहर की शोरगुल की दुनिया से जरा शांत-एकांत में, अपने भीतर...
लोग कहते है बिना गुरु ज्ञान प्राप्त नहीं होता? हां जी बिल्कुल! बिना सदगुरु आत्मज्ञान की प्राप्ति नहीं होती। जीवन में मनुष्यों को हर जगह गुरु चाहिए। जीवन में...