निश्चित ही चुनौतियां व्यक्ति को दृढ़ बनाती हैं। अगर चुनौती ना हो तो जीवन में कोई रस भी नही रहेगा। जीवन की सभी उपलब्धियां कड़ी मेहनत से ही मिलती है। जीवन में सभी चीजों के दो पहलू होते है एक सकारात्मक दूसरा नकारात्मक, इन दोनो परिस्थितियों का आना जाना लगा रहता है। किसी एक के सहारे जीवन नही चलता, अगर जीवन है तो मृत्यु भी है, सुख है तो दुख भी है। और इन विपरीत परिस्थितियों में लड़ने की ताकत हमें इन्ही चुनौतियों से मिलती है।

जैसे एक पक्षी अपने छोटे बच्चों को कुछ समय घोंसले में रहने के बाद गिरा देता है, पर उसी संघर्ष में चिड़िया के बच्चे अपने पंखों को फैलाते हैं, और उसमे ताकत पैदा होती है, उड़ने की। उसी प्रकार कुम्हार घड़े को सुंदर रूप देता है फिर आग में उसे तपाया जाता है, तभी वह मजबूत बनता है, वरना कच्चा घड़ा किसी काम का नही होता।

तो हर विपरित परिस्थितियों में इंसान या कोई भी जीव मजबूत ही बनता है, यह उसकी सहनशक्ति को बढ़ा देती है। यह उसके अंदर की सोई हुई शक्ति को जगाती है, जैसे कोई व्यक्ति यदि नदी में गिर जाए तो वह छटपटाने लगता है और अगर उसने पूरी ताकत से हाथ पैर मार लिए तो वह तैर कर बाहर भी आ सकता है। ठीक ऐसे ही हमारी सोई हुई शक्तियों को जगाने चुनौतियों को भगवान हमारे जीवन में भेजते हैं। जो जितना चुनौतियों का सामना करता है वह उतना ही आगे बढ़ता है मजबूती के साथ।

आप अपने आस पास ही देख लीजिए जो भी जीवन में किसी ऊंचे मुकाम पर पहुंचा है, उसने ठोकरें बहुत खाई हैं, बहुत संघर्ष किया होगा उसने, निश्चित ही। इसलिए हमें चुनौतियों से घबराना नहीं चाहिए और उसे अवसर मानकर स्वीकार करना चाहिए।

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