सामान्य लोगों की तुलना में बुद्धिमान लोग अक्सर रहते हैं दुखी, इन 8 कारणों से वे खुशियों को कर लेते हैं खुद से दूर:- बुद्धिमान लोग दूसरे लोगों की...
रिजेक्शन का डर सभी को सताता है लेकिन इन तरीकों से आप खुद को उबार सकते हैं इस ट्रॉमा से:- रिजेक्शन का डर सभी को सताता हैजीवन में सभी...
वैराग्य सारा सार विवेक से आयी हुईं एक अंतरिक मानसिक स्थिति एक अंतर्मुख अवस्था है। वैराग्य व्यक्ति का सद सद विवेक जागने पर उत्पन्न होता है। वैराग्य संसार की...
मनुष्य जीते जी जैसी प्रवृत्ति रखता है मृत्यु के उपरांत उसकी आत्मा वैसा ही स्थान प्राप्त करती है। जो लोग शिव को अपना आराध्य मानते है वो शिव लोक,...
सच को हमेशा कड़वा माना जाता है, क्योंकि इसमें कोई विकार नहीं मिला होता है। यह अपने शुद्धतम रूप में होता है। जैसे 24 कैरेट का सोना सबसे शुद्ध...
गुरुपूर्णिमा एक साधक के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह शिष्य को याद दिलाता है की उसे भी इसी तरह पूर्ण होना है। उसके गुरु पूर्ण परमात्मा का ही...
कर्म का ऐसा है कि यह तो होते ही रहते हैं। बीना कर्म किए तो कोई भी नहीं रह सकता। अब देह हैं तो देह के निर्वाह के लिए...
अज्ञान अवस्था में अध्यात्मिक शक्ति हमारे अंदर पहले से ही मौजूद होती है। लेकिन जैसे ही मनुष्य जीवन में सदगुरू रुपी ज्ञानसूर्य का आगमन होता है वह शिष्य को...
अध्यात्म यानी अपने अंदर का आत्मतत्व, जो पैदाइशी हमारे, हम-सब के अंदर मौजूद होता है। अध्यात्म आचरण यानी हमारे अंदर का जो चेतन मूल तत्व है, जो चेतन है...
आज के दौर में सबसे बड़ा पुण्य ज्ञानदान है। किसी जरुरत मंदों को अन्न और औषधि देना। उसके हाथों को काम देना। और फिर उसको अज्ञान से बाहर निकलना...