मृत्यु जीवन का अनिवार्य सत्य है, जिसे झठलाया नही जा सकता। मौत होना सृष्टि के नियमनुसार निश्चित है। ये विशाल ब्रह्मांड नियमों के तहत ही संचालित होता है, अतः...
प्रार्थना से! मौन होकर सच्चे दिल से की गई प्रार्थना परमात्मा सुनते हैं। परमात्मा हमारी बात सुने, हमे कुछ अनुभव दे इसके पहले हमें अपने आचरण व्यवहार में शुद्धता...
सत्संग की महिमा महान है, जो कही नही जा सकती। सत्संग के बारे में संत दयाबाई जी ने कहा है– “साध संग जग में बड़ो, जो करि जानै कोय।...
सबसे पहले हमें निराकार ईश्वर के गुणों को समझना होगा। जो निराकार परमात्मा है, उसका कोई आकार नही, उसका कोई रंग रूप नही, उसकी कोई सीमा नही है। अपने...
मन की शांति के लिए सत्संग जरूर सुने। सच कहें तो शांति तो हमारा स्वभाव ही है, बस इस पर विचारों और विकारों का परदा पड़ जाता है, जिससे...
🟦सामान्य लोगों की तुलना में बुद्धिमान लोग अक्सर रहते हैं दुखी, इन 8 कारणों से वे खुशियों को कर लेते हैं खुद से दूर:- बुद्धिमान लोग दूसरे लोगों की...
जी बिलकुल हमारी उम्र निश्चित होती है। उम्र से मतलब यह सांसों की गिनती से है, जितनी सांसें परमात्मा ने हमारे भाग्य में लिख दी है, उससे एक सांस...
जीवन का मुख्य उद्देश्य अपनी आत्मा का कल्याण होना चाहिए, उससे कम नही। यह भीतर की यात्रा है, जबकि सांसारिक उन्नति बाहर की यात्रा है। बाहर से भी मनुष्य...
हमारे सनातन धर्म में मनुष्य के लिये वेदों में चार पुरुषार्थों का नाम लिया गया है – धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष। इसलिए इन्हें ‘पुरुषार्थचतुष्टय’ भी कहते हैं। महर्षि...