क्या कभी लंबे समय से भूली हुई बातो या धारणाओं की अनुभूति आपको इस जन्म में महसूस होती है? उन बातो के कुछ अवशेष आपके मन में आते है?जी! बिल्कुल आते हैं। मुझे मेरी सदगुरु की कृपा से मेरे कुछ पिछले जन्म याद है। आज़ जो मेरे सदगुरु है, पिछले जन्म में भी मेरे सदगुरु रह चुके हैं।


अगर सच्चे सदगुरु की शरण ली है, और उनसे अनन्य भक्ति सच्चा प्रेम किया है तो सदगुरु की कृपा से हमें हमारा पिछला जन्म याद आ सकता है। सदगुरु कृपा से हम पिछले जन्म को जान सकते हैं। हम पिछली कुछ यादों को, या हम किस अवतार में, कैसे शरीर में थे यह भी जान सकते हैं।

जो लोग नियमित रूप से ध्यान मेडिटेशन करते हैं, तो उन्हें ध्यान में पिछले जन्मों के, पिछले संचित कर्मों के बहुत से दृश्य दिखाई देते हैं। बहुत सी पुरानी बातों की अनुभूति इस जन्म में होती है।
नियमित ध्यान करने वाले किसी किसी को अपने संचित कर्मों के हिसाब से अपना अगला जन्म तक दिखाई देता है।

किसी किसी को ध्यान में डर लगता है, क्योंकि संचित कर्मों के हिसाब से डरावने दृश्य, आत्मा की आगे की गति-स्थिति क्या होने वालीं थी यह भी दिखाई देता है। पर कुछ लोग वह समझ नहीं पाते और डर जाते है।

नियमित ध्यान करने से संचित कर्मों का, बहुत से पापों का शमन होता है, और तब अंतर आकाश क्लियर होता जाता है। आगे चलकर ध्यान में भीतर एक आनंद एक शांति आने लगती है।

सदगुरु का जीवन में आना और उन्हें देखकर झरझर आंखों से आंसु बहना, उन्हें देखकर सुख-दुख सबकुछ भूल जाना यह क्या है? यह पिछले जन्म का प्यार ही तो है। यह पिछले जीवन के बिछड़े ही तो है।
जब आंखों से झरझर आंसु बहते हैं तो आत्मा याद दिलाती है कि हम इसके पहले भी मिल चुके हैं।
तो बहुत सी पिछली बातें हमें इस जन्म में भी याद आती है, आ सकती है।

कभी-कभी हम कही जाते हैं तो ऐसा लगता है कि हम यहां पहले भी कभी आ चुके हैं। कुछ जगहों पर पहली बार जातें हैं, लेकिन वह जगह जानी पहचानी सी लगती है। ऐसे बहुत-से उदाहरण है जिससे पिछली पुरानी बातों की, पिछले जन्म की अनुभूति होती है।
धन्यवाद!

Sanjiv Malik.
Life coach, Motivational Speaker, writer, Spiritual Advisior & Hypnotherapist.

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