समझ और विवेक के साथ परिस्थितियों के अनुसार खुद को थोड़ा बदल लेना सही होता है।

परिस्थितियां हमेशा एक जैसी नहीं होती। परिस्थितियां बदलती रहती है। प्रकृति परिवर्तनशील है, और इस कारण हमारे बाह्य जीवन में, हमारे भौतिक जीवन में बदलाव आते रहते हैं।

हर परिस्थिति अलग होती है और उस परिस्थिति में विवेक विचार से, समझ से काम लिया जाता है। जब हमारा विवेकी मन कहता है कि यहां बदलाव लाना जरूरी हैं तो बदले, समझ और विवेक के साथ बदलने में कोई हर्ज नहीं।

मनुष्य का परिस्थिति के अनुसार वर्तन रखना उसकी समझदारी है। परिस्थिति के अनुसार स्वभाव में, व्यवहार में थोड़ा बहुत बदल करना सही होता है।

परिस्थितियों के हिसाब से जो हमें अनुकूल हो, जो हमारे हित में हो, परिस्थिति को बदलने से हमारे जीवन में अगर शांति स्थापित होती हो, हमें जीवन जीने में आसानी होती हो तो बदले, ऐसा बदलने में क्या हर्ज है।

अपने विवेक विचार से परिस्थितियों के अनुसार अपने जीवन में बदलाव लाना कोई ग़लत नहीं है। परिवर्तन प्रकृति का नियम है, परमात्मा का नहीं। बाहर से भले सबकुछ बदलता है, परिस्थितियां बदलती है, मौसम बदलता है पर मनुष्य भीतर से बिल्कुल स्थिर और शांत होना चाहिए।
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Sanjiv Malik.
Life coach, Motivational Speaker, writer, Spiritual Advisior & Hypnotherapist.

1 comment on “Situation Ke Anusar Khud Ko Badal Lena Kitna Sahi Hota Hai?

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