ध्यान में मृत्यु होगा तो अच्छा ही होगा, जीव का हमेशा के लिए कल्याण होगा। जनम जनम से परमात्मा से बिछड़ा, दुःखी जीव जन्म मृत्यु के चक्र से मुक्त...
एंजेल्स यानी देवदूत, धरती पर के देवी-देवता। अगर हम देवताओं जैसा, निस्वार्थ प्रेम-भाव, सेवाभाव, देनेवाला स्वभाव रखते हैं, अगर हम परमात्मा को, हमारे अपने सद्गुरु भगवान जी को हम...
सतयुग यानी सत्यव्रता, सत्यवादी, देवताओं जैसे, ऋषि मुनियों जैसे तप और ध्यान-धारणा करने वाले ईमानदार, नेक, धर्म का पालन करने वाले, तपस्या करने वाले लोगों का युग। सतयुग के...
आत्मा तो हमेशा होती है ना! आत्मा का अस्तित्व हमेशा होता है, चाहें गहरी निद्रा हों या शरीर की मृत्यु। गहरी निद्रा में आत्मा शरीर के भीतर ही रहतीं...
बोल बोल कर, सेल्फ टॉक के जरिए हम अपने अवचेतन मन की प्रोग्रामिंग कर सकते हैं। सेल्फ टॉक यानी खुद से ही बातचीत करना। आइने में देखकर या दिन...
कुछ दुःख प्रसादी के रूप में आते है, कुछ दुःखों के कारण ही जीवन स्वर्ग जैसा सुंदर, पवित्र-पावन हो जाता है। और इसका एक सुंदर उदाहरण हमारी एक बहेन।...
जन्नत की परवाह तो उन्हें होती है जिन्होंने देखी नही और रहा सवाल मेरा तो मेरी जन्नत गुरु से ही शुरू और गुरु पर ही खत्म होती है।सब कुछ...
दुर्गा शक्ति की प्रतीक हैं, जो सभी प्रकार की बुरी शक्तियों और बुरे विचारों से हमारी रक्षा करती हैं। दुर्गा शक्ति की उपस्थिति में नकारात्मक विचार और ताकत के...
जहाँ पर सत्संगी अपने अवगुणों को देख कर सुधारने की कोशिश करता है और उसकी कोशिश ही उसे एक दिन गुरमुख बना देती है।हमारा खुद का सुधरना भी किसी...
जीव को चाहिये कि अपना मन सब तरफ से हटाकर मालिक के चरणों मे लगावे।जो कहे कि मुझे परमात्मा से मिलने की इच्छा है और सांसारिक मोह व इच्छाएँ...