जब अत्यन्त आनन्द में होते तो समय के बीतने का अनुभव नहीं होता है। जबदुखी होते तो हमें यह लगता है कि समय बहुत लंबा है। जब तुम्हारे मन...
आत्मा परम सत्य है, अचल है; न जन्म लेती है, न मरती है, न आती है, न जाती है; न उसके बारे में कुछ सोचा जा सकता है, न...
ज्ञान और अनुभव दोनों भी महत्वपूर्ण है। बस दोनों में थोड़ा-सा फर्क है। अनुभव ज्ञान का ही विकास है।बीना अनुभव ज्ञान अधूरा है। जैसे किसी चीज की गुड़, बेटर...
अच्छे और महान लोगो को जीवन के अंतिम समय में इतनी तकलीफे और कष्ट क्यों प्राप्त होते है? महान या अच्छे लोग परमात्मा का ही स्वरूप होते है। उनकी...
आध्यात्मिक व्यक्ति का एक प्रमुख लक्षण यह है कि वे हमेशा खुश रहते हैं और दूसरों के प्रति दयालु होते हैं । उन्हें लोगों को नीचा दिखाना या आलोचना...
क्या हम परमात्मा को महसूस कर सकते है? परमात्मा को सुनने और महसूस करने के लिए वह मन चाहिए जो उन्हें समझने की चाहत रखता हो सभी मार्ग ईश्वर...
आत्मा परमात्मा का अंतर आत्मा सांसारिक पीड़ा से आहत होती है, परमात्मा सर्व व्याप्त अलौकिक शक्ति है, जिसका सीधा संबंध सम्पूर्ण ब्रम्हांड से है, उसके दुख और सुख समस्त...
“ज्ञानदेव सांगे दृष्टांताची मात, साधूचे संगती तरणोपाय । सहा यानी छे। अपने भीतर से छे की छे, षड्विकार जिसने धो निकालें है, जो अपने निज स्वरूप में स्थापित हो...
धर्म साधन है, और अध्यात्म साध्य। “अध्यात्म” आध्यात्म का अर्थ आत्मा से होता है। अकेलेपन की अनुभूति अध्यात्म है।आत्मस्वभाव की अनुभूति, केवल अपने “स्व” की अनुभूति अध्यात्म है। अंतरिक...