• Aradhana Tiwari
  • January 3, 2024

Jeevan Mein Sahi Nirnay Kaise Lein?

जीवन में कई बार ऐसे मौके आते हैं, जब हमें महत्वपूर्ण निर्णय लेना होता है, और सभी लेते भी हैं। लेकिन सही निर्णय कैसे लें, यह अधिक महत्वपूर्ण है।...
क्या मानव को कल्याणकारी उपाय और धर्म तथा कर्तव्य के मार्गदर्शन देने वाला परम शक्ति गुरु विवेक दाता एक भगवान है? समस्त मानव जाति के कल्याण के लिए ही...
  • Aradhana Tiwari
  • January 3, 2024

Kya Bhagya Ko Bhakti Se Badla Ja Sakta Hai?

हां! भाग्य को गुरुभक्ति से बदला जा सकता है। हमने बदला है। पिछले जैसे कर्म होते हैं वैसा हमारे आज़ का भाग्य या प्रारब्ध बनता है। और वह हमारे...
  • Aradhana Tiwari
  • January 3, 2024

HOW SOUL CHOOSE BIRTH ?

जैसे पुराने कपड़ों को त्यागकर मनुष्य दुसरे नये कपड़े पहनता है, ठीक वैसे ही एक शरीर के मृत्यु के बाद आत्मा दुसरा नया शरीर धारण करती है। लेकिन इसमें...
प्रारब्ध यानी पिछले कर्मफलों का आज़ के वर्तमान जीवन में कुछ अच्छा और कुछ बुरा जो परिणाम आया है वह। प्रारब्ध मतलब जो अच्छा या बुरा आज़ हम भोग...
शरीर मरता है, पर उसके भीतर का जीवात्मा नहीं मरता। शरीर के मृत्यु के बाद आत्मा या जीवात्मा शरीर से अलग होता है, फिर भी उसके भीतर एक छाया...
परिस्थितियां कभी भी एक जैसी नहीं रहतीं। परिस्थितियां आतीं और चली भी जाती है। और जीवन है तो परिस्थितियां तो आती रहेंगी। मनुष्य जीवन सुख और दुःख का, अनुकूलता...
कर्म का सिद्धांत कहता है कि कर्म अकाट्य है, इसे काटा या बदला नही जा सकता। इसलिए जो कर्म किए जा चुके हैं, वह कभी नही बदला जा सकता।...
हर इंसान भौतिक सुखों को चाहता है, ऐसा कोई व्यक्ति नही जिसे सांसारिक सुखों की चाह ना हो। क्योंकि संसार में आते ही माया का परदा जीव पर डाल...